वाराणसी : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को काशी के विशिष्ट जनों से संवाद किया। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययनपीठ सभागार में प्रबुद्ध जनों के सम्मेलन में भाग लेने के पहले विदेश मंत्री ने शहर के विशिष्ट जनों, सम्पादकों, उद्यमियों से भारतीय विदेश नीति और मोदी सरकार के नौ साल की खास उपलब्धियों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार विदेशों में भी हिन्दू मंदिरों का कायाकल्प करा रही है। आबूधाबी में बन रहा मंदिर इस साल के अंत में पूरा हो जाएगा। बहरीन और फ्रांस में मंदिर निर्माण की अनुमति मिल गई है। न्यूयार्क में भी मंदिर निर्माण के प्रयास जारी हैं। हमारा प्रयास यह भी है कि विदेशों में स्थित पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय में सांस्कृतिक संरक्षण के लिए एक विभाग की स्थापना की गई है। कंबोडिया, वियतनाम सहित कई देशों में भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
नेपाल, चीन और पाकिस्तान की सीमा पर स्थाई बाउंड्री वॉल से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल से हमारा रिश्ता रोटी-बेटी का है। भारत के मित्र देश में शुमार नेपाल में हमारी खुली सीमाएं हैं। सीमा सील करने या किसी तरह की दीवार से दुनिया में गलत राजनीतिक संदेश जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास मंत्रियों की बैठक के लिए काशी को चुना है ताकि दुनिया में काशी की सांस्कृतिक विरासत का संदेश पहुंचे। विकास मंत्रियों की बैठक के बाद जी-20 का सांस्कृतिक सम्मेलन भी काशी में होगा।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र “दयालु”, भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल, प्रदेश महामंत्री सुभाष यदुवंश, प्रदेश संयोजक मनोज शाह, एमएलसी अशोक धवन, भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, विधायक डॉ. अवधेश सिंह, महापौर अशोक तिवारी समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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