कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गंभीर रूप से घायल बाघिन के मामले में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने जांच बैठा दी है। पिछले पांच महीनों में पांच बाघों की मौत हुई है, जिसपर फॉरेस्ट चीफ भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शी जांच हो रही है।
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों कालागढ़ फॉरेस्ट एरिया में एक बाघिन बीमार अवस्था में मिली थी। इस बाघिन को रामनगर रेस्क्यू सेंटर लाकर इलाज किया जा रहा था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। झिरना में भी एक बाघ घायल मिला, उसकी भी मौत हो गई।
अभी एक बाघिन का और इलाज किया जा रहा है, जिसके शरीर में तार का फंदा फंसा हुआ था। इसकी भी हालत नाजुक बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस घटना को कॉर्बेट प्रशासन ने कई हफ्तों तक छुपाए रखा, जब ये मामला कॉर्बेट के ही कुछ कर्मचारियों द्वारा मीडिया तक पहुंचा तो हड़कंप मचा।
बताया जा रहा है कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ क्षेत्र में बाघों की सुरक्षा में भारी चूक हो रही है क्योंकि ये क्षेत्र यूपी के बिजनौर जिले से लगता हुआ है। कॉर्बेट पार्क का एक हिस्सा यूपी में भी है, जहां से बाघों के शिकारी हमेशा प्रवेश करते रहे हैं। दो बाघों के मामलों में अंदेशा जताया जा रहा है कि इनपर शिकारियों के हमले हुए हैं। हालांकि इस मामले में कॉर्बेट प्रशासन अभी कुछ भी कहने से इंकार करता रहा है।
ऐसी जानकारी मिली है कि पिछले पांच महीनों में पांच बाघों की मौत का कोई न कोई कनेक्शन यूपी से लगे क्षेत्र से रहा है। उधर वन सचिव आरके सुधांशु ने वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर और कॉर्बेट के अधिकारियों से घायल बाघिन और पिछले 6 माह में बाघों के इलाज और मृतक बाघों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
वन विभाग के प्रमुख यानी पीसीसीएफ अनूप मलिक ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि इन मामलों की पारदर्शी जांच की जा रही है। वन्य जीव प्रतिपालक समीर सिन्हा को भी इस बारे में विस्तृत जानकारी लेने को कहा गया है। इन घटनाओं के बाद यूपी से लगती कॉर्बेट सीमा और कालागढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में गश्त बढ़ा दी गई है और जंगल में फंदों आदि की तलाश तेज की गई है। कॉर्बेट पार्क में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
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