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होम भारत

नया आकाश, नई उड़ान

भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नये अवसर सामने आ रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के बाद अब क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का क्षेत्र उभर रहा है। इन प्रौद्योगिकियों के अधिकाधिक उपयोग के कारण हार्डवेयर क्षेत्र में भी मांग बढ़ रही 

by डॉ. मुनेंद्र जैन
May 31, 2023, 08:06 am IST
in भारत, शिक्षा
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वर्तमान समय में हम तकनीकी शिक्षा को दो वर्ग में बांट सकते हैं- एक, सॉफ्टवेयर और दूसरा, हार्डवेयर आधारित शिक्षा। आज सॉफ्टवेयर क्षेत्र में 5जी क्रांति के बाद बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा उपलब्ध होने के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग सबसे अधिक हो गई है।

 

आशीष वालिया अपने 17 वर्षीय जीवन के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न का सामना कर रहे हैं जिसका उत्तर उनके जीवन की दिशा तय करने वाला है। विज्ञान (पीसीएम) विषय के साथ 12वीं पास करने के बाद आशीष का सपना इंजीनियर बनना था। लेकिन आज के विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग से संबंधित कई शाखाओं को अलग-अलग नाम के साथ पेश कर रहे हैं। ऐसे में आशीष वालिया जैसी युवा पीढ़ी भ्रमित हो रही है। इसलिए, आवश्यक है कि हमारे जीवन की राह तय करने वाले विषय और संस्था का चयन हम सोच-समझ कर करें।

डॉ. मुनेंद्र जैन
एसोसिएट प्रोफेसर (भौतिकी)
एनएमआईएमएस, इंदौर

वर्तमान समय में हम तकनीकी शिक्षा को दो वर्ग में बांट सकते हैं- एक, सॉफ्टवेयर और दूसरा, हार्डवेयर आधारित शिक्षा। आज सॉफ्टवेयर क्षेत्र में 5जी क्रांति के बाद बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा उपलब्ध होने के कारण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मांग सबसे अधिक हो गई है। एआई सबसे प्रभावी साधन  है; इसलिए इस डिजिटल डेटा का विश्लेषण करने के लिए इस विषय के विशेषज्ञों की बाजार में भारी मांग है। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए छात्रों के पास किसी भी  राष्ट्रीय स्तर के संस्थान से डेटा साइंस (एआई और एमएल) में बीटेक की डिग्री होनी चाहिए। लेकिन यहां एक समस्या है। डिजिटल डेटा का बढ़ता आकार और एआई एल्गोरिदम की जटिलता के कारण पारंपरिक कंप्यूटिंग हमें तेज परिणाम नहीं देता।

क्वांटम कंप्यूटिंग एवं ब्लॉकचेन
समाधान के रूप में हमारे सामने उभरा है -क्वांटम कंप्यूटिंग। हमें साफ दिख रहा है कि एआई और एमएल-आधारित कंप्यूटिंग का भविष्य क्वांटम कंप्यूटिंग ही है। गूगल ने अपने सबसे फ्यूचरिस्टिक प्रोजेक्ट गूगल क्वांटम एआई को पेश करते हुए कहा है कि आने वाले समय में क्वांटम कंप्यूटिंग का महत्व सबसे अधिक हो जाएगा। भारत सरकार ने 8000 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल क्वांटम प्रोजेक्ट शुरू किया है।

इसके अलावा, डिजिटल डेटा के पर्याप्त परिमाण को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करना भी एक आवश्यक कार्य है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी वही काम आराम से कर सकती है। लेकिन ब्लॉकचेन अभी भी अपनी शुरुआती अवस्था में है, पर इसका भविष्य संभावनाओं से पूर्ण है। इस क्षेत्र में अभी फिलहाल भीड़ नहीं है, इसलिए नौकरी के अवसरों के संबंध में प्रतिस्पर्धा कम है। करिअर के अवसरों को देखते हुए आप यह विचार कर सकते हैं कि  ब्लॉकचेन डेवलपर, ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट मैनेजर, ब्लॉकचेन यूएक्स डिजाइनर, ब्लॉकचेन क्वालिटी इंजीनियर, ब्लॉकचेन लीगल कंसल्टेंट और ब्लॉकचेन सॉल्यूशंस आर्किटेक्ट के रूप में असाधारण क्षमता दिखाते हुए आप ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सफलता की ओर अग्रसर होना चाहते हैं या नहीं। इसलिए, यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन तकनीक में विशेषज्ञों की मांग सबसे ज्यादा होने की संभावना है।

हमारे सामने उभरा है -क्वांटम कंप्यूटिंग। हमें साफ दिख रहा है कि एआई और एमएल-आधारित कंप्यूटिंग का भविष्य क्वांटम कंप्यूटिंग ही है। गूगल ने अपने सबसे फ्यूचरिस्टिक प्रोजेक्ट गूगल क्वांटम एआई को पेश करते हुए कहा है कि आने वाले समय में क्वांटम कंप्यूटिंग का महत्व सबसे अधिक हो जाएगा। भारत सरकार ने 8000 करोड़ रुपये की लागत से नेशनल क्वांटम प्रोजेक्ट शुरू किया है।

हार्डवेयर में भी संभावनाएं
लेकिन किसी भी उन्नत सॉफ़्टवेयर का सफलतापूर्वक उपयोग तभी संभव है जब आपके पास समान स्तर का हार्डवेयर हो। भारत में मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट, चीन प्लस वन पॉलिसी, और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स, 5जी -आधारित आईओटी और रोबोटिक्स, ड्रोन प्रौद्योगिकी  के लिए आटोमेशन की मांग तेज हो रही है। ऐसे में भारत के जल्दी ही एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की पूरी संभावना है। श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार देश में हार्डवेयर से संबंधित नौकरियां अन्य उद्योगों के ही समान या उनसे से आगे निकलते हुए, 7 प्रतिशत की दर से बढ़ती रहेंगी। यहां, उन्नत हार्डवेयर में दिलचस्पी रखने वाले  सभी छात्र बी.टेक डिग्री के लिए किसी भी हार्डवेयर-आधारित शाखा को चुन सकते हैं, जैसे दूरसंचार और ओटोमेशन, नियंत्रण प्रणाली और रोबोटिक्स, इमेज प्रॉसेसिंग, कंप्यूटर विजन, रिमोट सेंसिंग, आईटी और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स । अत: आशीष वालिया जैसे छात्रों को सलाह है कि वे संबंधित  विषय और अपनी रुचि (सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर) की शाखा का चुनाव कर अपना सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त संस्थान से सही डिग्री प्राप्त करें।

समान पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले कुछ राष्ट्रीय स्तर के निजी संस्थान 

एसआरएम इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु और दिल्ली एनसीआर
सीएसई, ईईई, बायोटेक और केमेस्ट्री में बीटेक। www.srmist.edu.in|044- 27417000
कुल शिक्षण शुल्क:  5 लाख-18 लाख रु. (4 वर्षों के लिए) योग्यता: 10+2 में  50-60% अंक
परीक्षा: जेईई मेन, एसआरएमजेईईई

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा
सीएसई, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार और एआईएमएल आईओटी में बीटेक www.gla.ac.in|01566-2250900
कुल शिक्षण शुल्क: 4.68 लाख -9.5 लाख रु (3-4 वर्षों के लिए), पात्रता 10 + 2 में 50% अंक
परीक्षा: जीएलएईटी, सीयूईटी

ऋषिहुड विश्वविद्यालय, सोनीपत
सीएस में यूजी माइनर्स www.rishihood.edu.in|1800-120-6631
कुल शिक्षण शुल्क: 12 लाख रु.  (4 साल के लिए), पात्रता: 10+2 में 50% अंक
परीक्षा: सीयूईटी

 संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा
सीएसई में बीटेके www.sanskriti.edu.in|18001202880
कुल शिक्षण शुल्क: 3.55 लाख – 5.6 लाख  रु (3-4 वर्षों के लिए), पात्रता: 10+2 में 45-60% अंक
परीक्षा: सीबीएसई 12वीं, जेईई मेन

आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, हैदराबाद
सीएसई में बीटेकwww.icfaiuniversity.in|040-23479725
कुल शिक्षण शुल्क : 10 लाख (4 साल के लिए), पात्रता 10+2, 60% अंकों के साथ  परीक्षा: एटीआईटी

एमपीएसटीएमई, एनएमआईएमएस मुंबई, इंदौर और शिरपुर
सीएसई, एआई और डीएस में बीटेक www.engineering.nmims.edu  022-42334000
कुल शिक्षण शुल्क : 14 लाख-25.1लाख  (4 साल के लिए), पात्रता: 10+2 45% अंकों के साथ
परीक्षा: एनएमआईएमएससीईटी, जेईई मेन

संस्थानों के बारे में जांच
लेकिन किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले संस्थान की मान्यता, संबद्धता और रैंकिंग जैसे कुछ मुख्य बिंदुओं की जांच करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत में इंजीनियरिंग कॉलेज एनएएसी, एनबीए या एआई

सीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त हैं जिन्हें एनआईआरएफ की ओर से रैंक दिए गए हैं। साथ ही, उद्योग संबंधित  पाठ्यक्रम, कैंपस प्लेसमेंट, संस्थागत बुनियादी ढांचा, छात्रों की संख्या और विभाग सदस्यों की योग्यता की भी जांच होनी चाहिए। अंत में हम यही कहना चाहेंगे कि आशीष वालिया जैसी नयी पीढ़ी को अपनी रुचियों को पहचान कर इस तकनीकी ज्ञान को हासिल करने के लिए पूरी ताकत से जुट जाना चाहिए। यह आवश्यक है

क्योंकि समाज इस ऊर्जावान और प्रतिभावान युवा शक्ति का एक नए उभरते ‘प्रखर भारत’ के सुनहरे भविष्य के लिए इंतजार कर रहा है।

 

 

 

 

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