भोपाल। जबलपुर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किए गे आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी कई सनसनीखेज राज उगल रहे हैं। उनके पास से बरामद आपत्तिजनक सामग्री और साजिश संबंधी दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि वे भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे थे। इसके लिए इन सभी ने मिलकर आगामी 27 सालों का प्लान बना रखा था और यह हर हाल में वर्ष 2050 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बना देखना चाहते थे।
आतंकियों ने चुने थे सिमी के पूर्व सक्रिय जिले
आईएसआईएस के लिए काम करनेवालों ने सॉफ्ट टारगेट उन्हें बनाया जो पहले से इस्लाम की कट्टर जिहादी विचारधारा से प्रभावित रहे हैं और जिनका सपना ही है कि कैसे भी करके भारत को दार-उल-हर्ब से दार-उल-इस्लाम में कन्वर्ट कर दिया जाए। दार-उल-हर्ब से आशय ‘युद्ध भूमि’ से है – ऐसे देश या स्थान, जहां शरीयत कानून नहीं चलते और जहाँ पर बहुसंख्यक लोगों का अल्लाह पर विश्वास नहीं है, अर्थात अ-इस्लामी देश इस श्रेणी में आते हैं। इसलिए राज्य में पहले से स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के गढ़ रहे खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर जैसे मुस्लिम बहुल जिलों को इन्होंने अपने काम के लिए चुना और इन दिनों यहां आईएसआईएस अपना नेटवर्क तैयार करने में लगा था। उन्हें बहुत हद तक सफलता भी मिल चुकी थी।
प्रदेश में सिमी का नेटवर्क जहां भी मजबूत रहा है, वहां अब भी कट्टरपंथी मजहबी इस्लामिक आतंकियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। यहां हिज्ब-उत्- तहरीर, पीएफआइ, जेएमबी, और उसके बाद आईएसआईएस से जुड़े लोग बड़ी संख्या में पुलिस की गिरफ्त में आ रहे हैं। इस मामले में सुरक्षा विशेषक्ष एवं पुलिस का मानना यही है कि भले ही राज्य से सिमी को कानूनी तौर पर समाप्त घोषित कर दिया गया है, किंतु उसकी जड़ें समाप्त नहीं हुई हैं। इस संगठन से जुड़े लोग ही अब नए नामों से बार-बार सामने आ रहे हैं। अभी भी इन सभी का अंदर ही अंदर आतंकी नेटवर्क चल रहा है।
लव जिहाद के लिए स्मार्ट दिखनेवाले मुस्लिम लड़कों का करते थे चयन
एनआईए की जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपित सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद ने अपने-अपने काम बांट रखे थे। इनके मोबाइल, वीडियो, ऑडियो से जो साक्ष्य मिले हैं, उनमें लव जिहाद के लिए हिंदू लड़कियों को टारगेट कैसे करना है इसके बारे में जानकारियां दी गई हैं। इसके लिए स्मार्ट दिखने वाले मुस्लिम युवाओं का चयन करते थे और उन्हें लव-जिहाद के लिए तैयार करते थे। उन्हें बताते थे कि कैसे एक हिंदू लड़की के पीछे पड़ना है, कैसे उसको टारगेट करके उससे दोस्ती की जा सकती है और सबसे अहम कि जब मौका मिले हिन्दू लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाओ ताकि वह युवती कहीं भाग ना पाए। फोन में तमाम हिंदू लड़कियों के नंबर मिले हैं। इन आतंकियों ने हिंदुओं में भी खासकर ब्राह्मण और जैन समाज को लक्ष्य कर रखा था। इसलिए ब्राह्मण और जैन समाज की लड़कियों के ही सबसे ज्यादा फोटो और नंबर इनके मोबाइल में हैं ।
ये संदिग्ध इस्लामिक चरमपंथी आतंकी हिंदू लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से अपने जाल में फंसा रहे थे, उनसे दोस्ती कर रहे थे और उनका दैहिक शोषण कर रहे थे। हालांकि एनआईए-एटीएस की इस संयुक्त कार्रवाई का मामला प्रकाश में आने के बाद अब तक तो कोई युवती सामने नहीं आई है, किंतु पुलिस उम्मीद कर रही है कि जल्द ऐसी युवतियां जरूर सामने आएंगी जो इन लोगों की शिकार बनी हैं।
आतंक का प्रशिक्षण लेने के लिए कई युवाओं को भेज चुके हैं अफगानिस्तान
पूछताछ और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह भी जानकारी मिली है कि इनमें से कई युवा अफगानिस्तान जा चुके हैं और वहां से विशेष इस्लामिक कट्टरता, शरिया और हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेकर आए हैं ताकि यह अपने लक्ष्य 2050 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बना सकें। आदिल के कब्जे से प्रतिबंधित एसएलआर राइफल और कारतूस मिले हैं। यह संदिग्ध आतंकी ओमती स्थित पेशकारी मस्जिद में बैठक करते थे। इन संदिग्धों में सिमी आतंकवादियों की पैरवी करने वाला अधिवक्ता नईम खान भी शामिल पाया गया है। यह युवाओं को आईएसआईएस से जोड़ने के लिए कई यूट्यूब चैनल भी चला रहे थे। साथ ही टेरर फंडिंग में गिरफ्तार अब्दुल रज्जाक के सतत संपर्क में यह सभी आतंकी थे। हवाला के जरिए संदिग्ध आतंकियों के पास पैसे आने की सूचना और साक्ष्य भी एनआईए के हाथ लगे हैं ।
अहादुल्ला उस्मानी के घर मिला कारतूसों का जखीरा
एक नई जानकारी भी निकलकर सामने आ रही है। जबलपुर में एनआईए की छापेमारी में अधिवक्ता अहादुल्ला उस्मानी के घर दबिश के दौरान कारतूसों का जखीरा मिला है। अधिवक्ता के स्टोर रूम की अलमारी में कारतूसों को रखा था। जिनमें 59 जिंदा कारतूस पॉइंट 32 एमएम के व पांच की संख्या में 5.5 एमएम के कारतूस जब्त हुए हैं। एनआईए को रोकने और कार्रवाई में बाधा डालने पर अधिवक्ता अहादुल्ला उस्मानी, पुत्र अरहम उस्मानी सहित उनके भाई अमानउल्ला पर एफआईआर दर्ज की गई है। एनआईए-एटीएस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान उस्मानी परिवार ने घर में घुसने से टीम को रोका था। एटीएस के डीएसपी स्तर के अधिकारी ने सुबूतों से छेड़खानी करने एवं शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने की धाराओं के अंतर्गत दो अलग-अलग मामले इसके ऊपर दर्ज करवाए हैं। जाँच अधिकारियों ने बताया है कि पुलिस आने की भनक लगते ही दरवाजा खुलने से पहले ही अधिवक्ता, उनके पुत्र और भाई ने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से महत्वपूर्ण फाइलें एवं साक्ष्यों को नष्ट करना शुरू कर दिया था। साक्ष्य विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियों से संबंधित थे।
देशविरोधी सोच रखने वालों को मध्यप्रदेश में कुचल दिया जाएगा- मप्र गृहमंत्री
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ”देश विरोधी सोच रखने वालों को मध्यप्रदेश में कुचल दिया जाएगा।” जो 3 लोग पकड़े गए हैं- सैयद मसूद, अली मोहम्मद, आदिल खान और मोहम्मद शाहिद ये आईएसआईएस के लिए काम करते थे और कई चीजें उसके बाद में सामने आई हैं। इस मामले का पूरा इन्वेस्टिगेशन एनआईए के पास में है, इसलिए थोड़ा इंतजार करें। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में लगातार कार्रवाई चल रही है। जेएमबी, आईएसआईएस जैसे जो भी संगठन हों सभी पर कार्रवाई कर रहे हैं। ये लोग वहां मस्जिद में मीटिंग करते थे, मस्जिद में कट्टरपंथ का माहौल बनाते थे, संदिग्ध आतंकयों ने बिस्मिल्लाह के नाम से ग्रुप बनाया हुआ था। उस ग्रुप के माध्यम से ये सब संचालित होता था। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से दोहराना चाहता हूं ऐसे कोई भी आतंकी प्रवृत्ति के व्यक्ति संगठन मध्यप्रदेश में सिर नहीं उठा पाएंगे। उन्हें पूरी तरह से कुचल दिया जाएगा।
एनआईए की तरफ से अब तक लिखित में ये बताया गया
इस संपूर्ण मामले के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि एनआईए द्वारा खुफिया अभियान में सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को भोपाल में एनआईए की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था जहां एनआईए को इन सभी आरोपितों की तीन जून तक की रिमांड पर मिली है। अगस्त 2022 में एनआईए ने मोहम्मद आदिल खान की आईएसआईएस समर्थक गतिविधियों की पहचान की थी। जांच के बाद एनआईए ने इस पर आरसी-14/2023/एनआईए/डीएलआई के अंतर्गत 24 मई को मामला भी दर्ज किया था। आदिल और उसके सहयोगी आईएसआईएस के लिए कार्य करते हैं और भारत में हिंसक आतंकी हमले करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं। ये देश में आतंक फैलाने की योजना पर काम कर रहे थे। ‘दावा’ कार्यक्रमों से प्रचार-प्रसार कर लोगों को भड़काने में लगे हुए थे। पकड़े गए आरोपितों का मॉड्यूल स्थानीय मस्जिदों और घरों में बैठकें करता था।
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