प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल 2022 के उद्घाटन की घोषणा की। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पिछले नौ सालों में खेल क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि खेल समाज को सशक्त करने का एक माध्यम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान पिछली सरकारों की खेलों के प्रति उदासीनता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण कॉमनवेल्थ खेलों में हुआ घोटाला है। उन्होंने कहा कि इसके चलते हमने दुनिया पर धाक जमाने का एक मौका खो दिया। उन्होंने कहा कि इसी उदासीनता के चलते युवा खेलों को कैरियर बनाने की नहीं सोचते थे। वहीं गांव और गरीबी से आने वाले युवा का आगे बढ़ना मुश्किल होता था। अभिभावक भी बच्चों को खेलों को कैरियर बनाने के प्रेरित नहीं करते थे। इसी के चलते देश ने कई प्रतिभाओं को खो दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ सालों में देश में खेल के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के चलते लोगों का दृष्टिकोण बदला है। अब यह आकर्षक प्रोफेशन के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें खेलो इंडिया अभियान ने बड़ी भूमिका निभाई है। अब खेल का बजट नौ साल पहले के मुकाबले तीन गुना हो गया है। अधिक से अधिक युवा खेल प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने खेल के क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान के परिणाम भी गिनाए। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में खेल प्रतियोगिताओं में भारत पदक हासिल कर रहा है। राज्यों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा मिल रहा है। लड़कियों की भी खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि इस साल खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल का तीसरा आयोजन 25 मई से 3 जून तक उत्तर प्रदेश में किया जाएगा। ये प्रतियोगिताएं वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ और गौतम बुद्ध नगर में आयोजित की जाएंगी। खेलों में 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4750 से अधिक एथलीट भाग लेंगे, जो 21 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। खेलों का समापन समारोह 03 जून को वाराणसी में होगा। खेलों के शुभंकर का नाम जीतू है, जो उत्तर प्रदेश के राजकीय पशु बारासिंघा का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसद होने के नाते सभी प्रतिभागियों का विशेष स्वागत किया। उन्होंने खिलाड़ियों को खेल भावना की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि एक विजेता तभी महान खिलाड़ी बनता है, जब वो हमेशा खेल भावना का, मर्यादा का पालन करता है। एक विजेता तभी महान खिलाड़ी बनता है, जब उसके हर आचरण से समाज प्रेरणा लेता है।
उन्होंने कहा कि देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेल को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाना प्रस्तावित है। खेल अब पाठयक्रम का हिस्सा होने जा रहा है। देश की पहली ‘राष्ट्रीय खेल यूनिवर्सिटी’ के निर्माण से इसमें और मदद मिलेगी।
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