देहरादून । शहर में वन विभाग के जू को विस्तार दिया जा रहा है।इसके लिए सेंट्रल जू अथार्टी की आखिरी अनुमति का इंतजार है। जू को अब इस तरह से बना दिया गया है कि दर्शक यहां सफारी कर जानवरो और परिंदो का दीदार कर सकेंगे।
देहरादून जू जो कि अभी करीब छह हैक्टेयर क्षेत्र में बना हुआ है इसका दायरा बढ़ा कर 25 हैक्टेयर कर दिया गया है और इसमें ग्यारह नए बाड़े बनाए गए है और इस के आगे एक ट्रेक का भी निर्माण किया गया है। इस ट्रेक पर सीमित संख्या में बैटरी चलित वाहनों से दर्शकों को सफारी कराई जाएगी। सेंट्रल जू अथार्टी ऑफ इंडिया के एक टीम ने आकर यहां फाइनल सर्वे करना है।
वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने बताया कि हमारी समस्त तैयारी पूरी कर ली गई है, अथॉरिटी की टीम यहां आने वाली है उनकी अनुमति के बाद से ये जू अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।
जानकारी के मुताबिक जू सफारी देर शाम नौ बजे तक खोली जा सकती है ऐसा ही जू सिंगापुर में सैंटोजा में भी है, जहां जीव जंतुओं के दीदार करने हजारों पर्यटक आते है और बैटरी चलित वाहनों से सफारी का आनंद उठाते है।
देहरादून जू में अपने अस्तित्व में आने से पहले वन चेतना केंद्र था, मालसी गांव में हिरण अधिक होने की वजह से 1976, में इसे मालसी डियर पार्क बना कर संरक्षित किया गया 2002 में इसे मिनी जू में परिवर्तित कर दिया गया।
इस पार्क को नए रूप में विकसित करने में आईएफएस प्रसाना कुमार पात्रों की अहम भूमिका रही जब वो डायरेक्टर यहां नियुक्त किए गए उसके बाद से इस जू ने पर्यटकों को यहां खींच लाने में सफलता प्राप्त की।
जानकारी के मुताबिक यहां जो नए बाड़े बनाए गए है उनके लिए बाघ और तेंदुआ के जोड़े भी लाए जा रहे है और भी कई दुर्लभ जानवरों और पंछियों का वास यहां बनाया जा रहा है। मसूरी देहरादून ऋषिकेश धनौल्टी आने वाले पर्यटकों के लिए भी ये जू एक नए डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा।
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