इधर कश्मीर में चीन को छोड़कर जी-20 सदस्य देशों के 61 प्रतिनिधियों की बहुत खुशनुमा माहौल में बैठक चल रही है तो उधर पीओजेके में बैठे बिलावल नफरती जहर उगले जा रहे हैं। कश्मीर को लेकर जितना दुष्प्रचार वे कर सकते हैं, कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और उसके विदेश मंत्री की बचकानी बातों पर ध्यान दिए बिना जी20 की बैठक में आए सभी विदेशी प्रतिनिधि चर्चा सत्रों में भाग ले रहे हैं, उत्साहित हैं और कश्मीर में अमन—चैन को देख बाग—बाग हैं।
सीमा पार से आई खबरों से पता चला है कि जब तक श्रीनगर में जी20 की बैठक चलेगी, बिलावल पीओजेके में डेरा डाले रहेंगे। आखिर बिलावल का यह बचकाना व्यवहार पाकिस्तान की छवि को और खराब ही कर रहा है। बिलावल आखिर दिखाना क्या चाहते हैं?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने पीओजेके में पैर रखते ही पहला बयान यही दिया कि ‘संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करके भारत दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा सकता’। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान और उसके आका चीन ने इस बैठक में भाग न लेकर अपनी साजिशी साठगांठ को दुनिया के सामने एक बार फिर उजागर किया है। इनके अलावा सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि श्रीनगर में मौजूद हैं।
प्रतिनिधियों का मानना है कि 2019 में जम्मू—कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वातावरण में बहुत बदलाव आ चुका है, झेलम में बहुत पानी बह चुका है, यहां लोग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से उकता चुके हैं और तरक्की चाहते हैं। यह तरक्की उन्हें केन्द्र की मोदी सरकार के माध्यम से नजर आने भी लगी है।
बता दें कि केन्द्र शासित प्रदेश कश्मीर में, श्रीनगर में जी-20 की तीसरी पर्यटन कार्यबल बैठक चल रही है। स्वाभाविक है कि कश्मीर पर दुष्प्रचार करने वाला पाकिस्तान बुरी तरह से चिढ़ा हुआ है। इस बैठक में हिस्सा लेने की बजाय पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल श्रीनगर से सौ किलोमीटर के फासले पर पीओजेके में बैठे एक प्रकार से वहां से संचालित हो रहे भारत विरोधी आतंकवाद को हवा ही दे रहे हैं। वे न सिर्फ भारत विरोधी जहर उगल रहे हैं, बल्कि विदेशी मीडिया के सामने ‘संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव’ की गलत व्याख्या कर रहे हैं।
जी20 में आए अनेक प्रतिनिधियों का मानना है कि 2019 में जम्मू—कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वातावरण में बहुत बदलाव आ चुका है, झेलम में बहुत पानी बह चुका है, यहां लोग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से उकता चुके हैं और तरक्की चाहते हैं। यह तरक्की उन्हें केन्द्र की मोदी सरकार के माध्यम से नजर आने भी लगी है।
बिलावल अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने दिखाना चाहते हैं कि ‘कश्मीर में चल रही जी20 की बैठक असफल है’। स्वाभाविक ही, उसे इस दुष्प्रचार में उसके आका चीन का समर्थन प्राप्त है। बीजिंग ने भी कश्मीर में चल रही इस जी20 की बैठक में यह कहते हुए न आने का फैसला लिया है कि ‘वह विवादित इलाके में हो रही जी20 बैठक का विरोधी है।
आतंक के प्रायोजक पाकिस्तान के विदेश मंत्री दुनिया को यह संदेश देने की असफल कोशिश में लगे हैं कि भारत जी20 की बैठक को कश्मीर में रखकर कश्मीरियों की आवाज को दबा रहा है। आज बिलावल पीओजेके में एक रैली भी करने वाले हैं। बेशक, इसमें भी वह सिर्फ अपनी भड़ास ही निकालेंगे।
पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक द डॉन ने सूत्रों के जरिए बताया है कि पीओजेके में रैली करने वाले वे पहले केन्द्रीय मंत्री होंगे। पता यह भी चला है कि सीमा पार मुजफ्फराबाद के ‘बुरहान वानी चौक’ पर भी कल एक रैली करके श्रीनगर में चल रही जी20 बैठक की भर्त्सना की गई।
इसमें संदेह नहीं है कि जी20 बैठक के मौके पर श्रीनगर दुल्हन की तरह सजा है। मेहमानों की भरपूर आवभगत के साथ ही बैठक स्थल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंतजाम किए गए हैं। जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने प्रेस को बताया कि चीन को छोड़कर सभी देश इस बैठक में भाग ले रहे हैं और किसी ने भी किसी तरह का विवादित बयान नहीं दिया है। सभी प्रतिनिधि जी20 के अध्यक्ष भारत और यहां की मोदी सरकार की खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।
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