राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत पर तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने 12 मई को हुई इस घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है।
एनएचआरसी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि मीडिया रिपोर्टों से लगता है कि राज्य सरकार अवैध एवं नकली शराब की बिक्री और खपत पर रोक लगाने में विफल रही है।
एनएचआरसी ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की स्थिति, पीड़ितों का चिकित्सा उपचार और पीड़ित परिवारों को दिया गया मुआवजा, यदि कोई हो, शामिल होना चाहिए। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अरक के रूप में बेची जाने वाली अवैध शराब, मेथनॉल, रसायन और पानी का एक कॉकटेल होती है और ज्यादातर तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों के मछुआरों द्वारा इसका सेवन किया जाता है।
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