देहरादून । जिस वन विभाग ने कभी अपने जंगलों में कुछ एक मजारें होने की रिपोर्ट शासन को भेजी थी उसी वन विभाग के द्वारा करीब तीन सौ मजारें ध्वस्त करने की रिपोर्टिंग शासन के नोडल अधिकारी को की है। ये मजार जिहाद के खिलाफ धामी सरकार का सख्त रवैये का परिणाम है जिसके परिणाम स्वरूप रोजाना करीब पन्द्रह मजारें जंगलों में ध्वस्त की जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य के जंगलों और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण, मजार जिहाद, लैंड जिहाद का जड़ से सफाया किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है यहां की सनातन संस्कृति से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा की अवैध कब्जो हटाए जाएंगे, जिला प्रशासन, वन प्रशासन इस दायित्व को निभाए यदि कोई नही निभाएगा तो उस पर कारवाई की जाएगी।
उधर सीएम धामी द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अब तक कुल 295 मजारें ध्वस्त की जा चुकी है और 70 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करा लिया गया है। पराग मधुकर धकाते ने बताया कि पछुवा देहरादून में आठ अवैध मजारें रोड किनारे ग्राम किनारे ध्वस्त की गई है। मसूरी वन प्रभाग में भी अवैध मजारें हटाई गई ,हल्द्वानी में भी कारवाई चल रही है। उन्होंने बताया कि सभी वन प्रभागों के डीएफओ इस बारे में कारवाई कर रिपोर्ट शासन को भेज रहे है।
उधर पूर्व आईएफएस बहुगुणा ने इतनी बड़ी संख्या में जंगल में अवैध कब्जे कर इतनी बड़ी संख्या में मजारें बनाए जाने पर वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि जिसके भी कार्यकाल में ऐसा धार्मिक अतिक्रमण हुआ उसके खिलाफ विभागीय कारवाई की जानी चाहिए।
माना जा रहा है कि वन विभाग के बाद अब जिला व नगर प्रशासन को पुलिस बल के साथ इन अवैध मजारों को ध्वस्त करने में लगाया जा रहा है। इस बारे में डीजीपी अशोक कुमार ने भी बैठक ली है। जानकारी के मुताबिक मजार जिहाद के खिलाफ धामी सरकार के अभियान के बाद दिल्ली और अन्य प्रदेशों में भी मजारों को सड़को और जंगलों से हटाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
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