मुंबई। डीआरडीओ के बर्खास्त निदेशक प्रदीप कुरुलकर को विशेष कोर्ट ने 15 मई तक एंटी टेररिस्ट स्कॉड (एटीएस) की कस्टडी में भेज दिया है। प्रदीप को एटीएस ने पाकिस्तान को संवेदनशील सूचनाएं मुहैया कराने के मामले में तीन मई को पुणे से गिरफ्तार किया था।
प्रदीप कुरुलकर की कस्टडी 9 मई खत्म हो रही थी। एटीएस ने मंगलवार को प्रदीप को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.आर. नावंदर की कोर्ट में पेश किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपी।
सरकारी वकील ने बताया कि पिछले 3-4 दिनों में कई गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और कुछ नई जानकारी भी सामने आई है। जांच अधिकारियों को फॉरेंसिक प्रयोगशाला से कुछ डेटा प्राप्त हुए हैं। आरोपी ने अपने मोबाइल फोन से कुछ डेटा डिलीट कर दिया था। इसे भी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह आरोपित ने किसी विदेशी नागरिक के साथ फोटो और डेटा भी साझा किया है। साथ ही आरोपित ने विदेश यात्रा भी की है और आरोपित के बैंक खातों की भी जांच करनी है। इन सबकी जांच करने के लिए आरोपित की कस्टडी आवश्यक है।
इसके बाद प्रदीप कुरुलकर के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की पूछताछ एटीएस पहले से ही कर रही है। एटीएस के पास जांच के लिए कुछ भी नहीं बचा है। लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि चूंकि आरोपित के खिलाफ आरोप गंभीर हैं, इसलिए उक्त डेटा की जांच जरूरी है। साथ ही जाहिर तौर पर आरोपित द्वारा किसी विदेशी नागरिक के साथ कुछ फोटो और कुछ डेटा साझा किए गए हैं। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपित की स्थिति को देखते हुए संवेदनशील डेटा साझा करना एक राष्ट्र-विरोधी कृत्य कहा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि ये हरकतें देश के हित और खासकर देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं तो हर तरफ से जांच की जानी चाहिए। इसीलिए हिरासत में लेकर जांच की जरूरत है। इसके बाद न्यायाधीश ने आरोपित की एटीएस कस्टडी 15 मई तक बढ़ा दिया।
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उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने वाले प्रदीप कुरुलकर को शुक्रवार को डीआरडीओ के निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदीप कुरुलकर 2022 से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में था। बताया जा रहा है कि पुणे में स्थित डीआरडीओ कार्यालय में अक्सर महिलाएं प्रदीप कुरुलकर से मिलने आती थीं। इन सभी मामलों की एटीएस गहनता से छानबीन कर रही है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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