कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष ने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि नफरती संगठनों पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान उन्होंने प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की तुलना विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल से करते हुए कहा कि वह ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी, जो दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देते हैं।
वहीं इस घोषणा पत्र को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा आज जारी किया गया घोषणा पत्र दर्शाता है कि यह पूर्ण रूप से मुस्लिम कट्टरपंथियों का घोषणापत्र है। अगर जिन्ना जिंदा होते तो भी ऐसा घोषणापत्र नहीं बनाते। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस एक मुस्लिम कट्टरपंथी पार्टी बन गई है। हमारे गृह मंत्री ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था और अब कांग्रेस कह रही है कि वे बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएंगे।
#WATCH | The manifesto launched by Congress today shows that it is a complete Muslim fundamentalist manifesto. Even if Jinnah was alive, he would not make such a manifesto. Congress has become a Muslim fundamentalist party. Our HM had banned PFI and now Congress is saying that… pic.twitter.com/GUmJb6RgYB
— ANI (@ANI) May 2, 2023
हिमंत बिस्वा सरमा ने सवाल किए हैं। केरल में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग से गठबंधन किया। पहले इन लोगों ने पीएफआई पर बैन की बात क्यों नहीं की? कांग्रेस ने पीएफआई नेताओं के केस वापस क्यों लिए। अब ये लोग बजरंग दल पर बैन की बात कर रहे हैं। सरमा ने कहा कि यह घोषणा पत्र एक सेकुलर पार्टी का नहीं हो सकता है। कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस का यह घोषणा पत्र तो पीएफआई के घोषणा पत्र जैसा है।
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