कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, जौनसार बावर के आराध्य देव हैं श्री चालदा महासू महाराज
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, जौनसार बावर के आराध्य देव हैं श्री चालदा महासू महाराज

चालदा महाराज की प्रवास यात्रा के इतिहास की लंबी कड़ी है, परंतु ब्रिटिश सरकार ने चालदा महाराज के प्रवास को दो भागों में विभक्त किया था। एक भाग साटी बिल और दूसरा पासी बिल।

by भारत चौहान
May 1, 2023, 12:18 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कश्मीर से हनोल की महासू महाराज की प्रवास यात्रा का एक लंबा क्रम है। हनोल में प्रकटीकरण के पश्चात बोटा महाराज हनोल में ही विराजित रहते हैं। जबकि चालदा महाराज जौनसार बावर, उत्तरकाशी एवं हिमाचल प्रदेश में प्रवास करते हैं।

चालदा महाराज की प्रवास यात्रा के इतिहास की लंबी कड़ी है, परंतु ब्रिटिश सरकार ने चालदा महाराज के प्रवास को दो भागों में विभक्त किया। एक भाग साटी बिल (तरफ) मतलब जौनसार बावर एवं आंशिक हिमाचल का क्षेत्र जिसके वजीर दीवान सिंह हैं, जो बावर क्षेत्र के बास्तील गांव के निवासी हैं और दूसरा भाग पासी बिल मतलब उत्तरकाशी जनपद व हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र। जिसके वजीर जयपाल सिंह हैं, जो ठडीयार गांव के निवासी हैं। (यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है कि चालदा महाराज के वजीर महाराज के प्रवास यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था करते हैं। कहां पर कब प्रवास होना है यह तय करने का अधिकार वजीर को है अर्थात वजीर को बोलांदा महासू भी कहा जाता है।)

इसी अनुसार चालदा महाराज 12 वर्ष तक साटी तरफ प्रवास करेंगे और ठीक 12 बरस पासी, तरफ प्रवास करेंगे, परंतु यह निश्चित है कि जब साठी तरफ का प्रवास पूर्ण हो जाएंगे तो एक रात के लिए महाराज हनोल रुकेंगे। इसी प्रकार जब पासी साइट का प्रवास पूर्ण होगा, उसके बाद भी एक रात्रि के लिए महाराज हनोल रुकते हैं और फिर नए सिरे से प्रवास का क्रम जारी होता है।

चालदा महाराज की प्रवास यात्रा बावर क्षेत्र के कोटी गांव से प्रारंभ होती है और हर स्थान पर महाराज के रुकने की समय सीमा भी निर्धारित की गई है, परंतु परिस्थितिवश महाराज के निर्धारित स्थानों (गांव) पर रुकने की सीमाएं आगे पीछे भी हो जाती हैं। महाराज की प्रवास यात्रा का क्रम कोटि से प्रारंभ होता है और टोंस नदी के पार देवघार खत के मुन्धोल में 1 साल के लिए विराजित होते हैं, इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश के थ्रोच में 1 वर्ष, जानोगी चोपाल 1 वर्ष, कोटी कनासर 1 वर्ष, मोहन खत 1 वर्ष, समालटा 1 वर्ष, हाजा दसोऊ पसगांव (जेस्ट खत मानी जाती है) 2 वर्ष, मसक 1 वर्ष, किस्तुड खत लखोऊ 1 वर्ष, और फिर वापस चालदा महाराज पुणः कोटी बावर प्रवास पर आते हैं, जहां 6 माह तक रुकते हैं।

इसके पश्चात पासी तरफ की यात्रा प्रारंभ होती है एक रात हनोल रुकने के पश्चात देवता टडीयार उत्तरकाशी के लिए प्रस्थान करते हैं। फिर यात्रा का क्रम प्रारंभ होता है बुटाणु बंगाण पीगंल पट्टी 1 वर्ष, जीवां कोटीगाड 1 वर्ष, बामसु मासमोर पट्टी 1 वर्ष, वितरी गांव फतेहपुर वक्त 2 वर्ष, खसधार हिमाचल प्रदेश 2 वर्ष, भरसाठा धार जुब्बल हिमाचल प्रदेश 1 वर्ष, सराजी जुब्बल हिमाचल प्रदेश 1 वर्ष, बुटाणु उत्तरकाशी 1 वर्ष और फिर एक रात के लिए टडीयार और तत्पश्चात एक रात के लिए चालदा महाराज हनोल में प्रवास करेंगे। 24 वर्ष में देवता के प्रवास यात्रा का यह क्रम पूरा होता है। इसके पश्चात फिर कोटि बावर से चालदा महाराज की यात्रा का दूसरा चक्र प्रारंभ होता है।

उपरोक्त जानकारी हुणा भाट परिवार के सदस्य एवं हनोल मंदिर समिति के सचिव मोहन लाल सेमवाल जी से मौखिक वार्तालाप से प्राप्त की गई है।

Topics: चालदा महासू महाराज प्रवास यात्राप्रवास यात्रा का क्रमउत्तराखंड की धर्म संस्कृतिChalda Mahasu MaharajChalda Mahasu Maharaj migration journeysequence of migration journeyreligion culture of Uttarakhanduttarakhand newsउत्तराखंड समाचारचालदा महासू महाराज
Share2TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

नैनीताल प्रशासन अतिक्रमणकारियों को फिर जारी करेगा नोटिस, दुष्कर्म मामले के चलते रोकी गई थी कार्रवाई

pushkar singh dhami

उत्तराखंड : सीएम धामी ने चारधाम और बांधों की सुरक्षा बढ़ाने के दिए निर्देश, अलर्ट मोड पर अधिकारी

गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश

ब्रेकिंग न्यूज: गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश, 6 लोगों की मौत, एक की हालत गंभीर

उत्तराखंड में अवैध मदरसे को किया गया सील

5 और अवैध मदरसे सील, उत्तराखंड में 200 से ज्यादा अवैध मदरसों पर हुआ एक्शन

आरोपी

नैनीताल नाबालिग रेप कांड के आरोपी पर मुस्लिम समाज के कड़े फैसले

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाबालिग हिन्दू लड़की का क्या हल्द्वानी में हुआ धर्म परिवर्तन? जांच में जुटी पुलिस, तहरीर के बाद आरोपी गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies