रूस से कई मोर्चों पर युद्धग्रस्त यूक्रेन भी क्या सेकुलर हिन्दू विरोधी पश्चिमी तत्वों के हाथों का खिलौना बन गया है? आज पूरी दुनिया में हिन्दू समाज में यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि यूक्रेन के रक्षा विभाग ने अपनी शरारती सोचा से हिन्दुओं की आस्था को चोट पहुंचाई थी।
लेकिन सोशल मीडिया पर यूक्रेन की पोस्ट पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने गुस्सा व्यक्त किया कि उस देश को अपनी गलती समझ में आ गई और वह माफी मांगने लगा। इतना ही नहीं, उसने हिन्दू आस्था को, मां काली की छवि को अपमानित करने वाली अपनी पोस्ट भी सोशल मीडिया से हटा ली।
दरअसल यूक्रेन के रक्षा विभाग ने मां काली की छवि को अपमानित तरीके से चित्रित करके अपने हैंडल से साझा किया था। मां काली की ऐसी अपमानजनक छवि देखकर हिन्दुओं को क्रोध आना स्वाभाविक ही था। देखते ही देखते, यूक्रेन के रक्षा विभाग के हैंडल पर लोगों ने अपने गुस्से को व्यक्त करना शुरू कर दिया। शाम होते तक यूक्रेन को समझ आ गया कि उसने ये बहुत बड़ी गलती कर दी है। इसके बाद उसने अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगी और उस पोस्ट को हटा दिया। ऐसा असर हुआ हिन्दुओं की संगठित शक्ति का।
लोग मां काली के ऐसे अभद्र चित्रण के पीछे यूक्रेन की सोच को लेकर हैरान थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि असल यूक्रेन इसके माध्यम से कहना क्या चाहता था। वर्तमान में उसके रूस के साथ चल रहे युद्ध से इस चित्र को दूर दूर तक कोई सरोकार भी समझ नहीं आ रहा था। संभवत: वह हिन्दू विरोधी पश्चिमी सेकुलर तत्वों के उकसावे पर किया गया था।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कल 30 अप्रैल को मां काली की ऐसी अपमानजनक तस्वीर दिखने के बाद, दुनियाभर में बसे हिन्दुओं ने गुस्सा ही नहीं व्यक्त किया, बल्कि भारत के उपभोक्ताओं ने तो अपने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इसके विरुद्ध कड़ा कदम उठाने की मांग भी की। सोशल मीडिया पर मौजूद भारतीयों ने ट्विटर के स्वामी एलन मस्क तक से अपील की कि यूक्रेन के रक्षा विभाग के इस आधिकारिक हैंडल के विरुद्ध कई कार्रवाई की जानी चाहिए। मामले को इतना विकराल रूप लेते देखकर यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय को अपनी भूल का भान हुआ। उस ने फौरन मां काली की आपत्तिजनक तस्वीर हैंडल से हटा दी।
सोशल मीडिया पर अनेक लोग मां काली के ऐसे अभद्र चित्रण के पीछे यूक्रेन की सोच को लेकर हैरान थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि असल यूक्रेन इसके माध्यम से कहना क्या चाहता था। वर्तमान में उसके रूस के साथ चल रहे युद्ध से इस चित्र को दूर दूर तक कोई सरोकार भी समझ नहीं आ रहा था। संभवत: वह हिन्दू विरोधी पश्चिमी सेकुलर तत्वों के उकसावे पर किया गया था। यूरोप के कई देशों में बैठे ऐसे हिन्दू विरोधी कम्युनिस्ट तत्व भारत और भारत में बहुसंख्यक हिन्दुओं की आस्था पर चोट करने के मौके तलाशते रहते हैं। यूक्रेन के उक्त ट्वीट में संदर्भ से परे हिन्दुओं की आराध्या देवी का ऐसा अपमानित करने वाला चित्रण शायद ऐसे ही कुछ तत्वों की उपज रहा होगा।
इस चित्रण के विरुद्ध सोशल मीडिया पर देखी गई कुछ प्रतिक्रियाओं का आशय यह था कि क्योंकि भारत रूस के साथ चल रहे उसके युद्ध में उसका साथ नहीं दिया, इसलिए यूक्रेन इस तरह अपनी भड़ास निकाल रहा है। कुछ का यह कहना था कि यूक्रेन भारत और रूस की मित्रता से चिढ़ा हुआ है। वह बौखलाया हुआ है और इसी के चलते उसने यह ओछी हरकत की है।
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