नई दिल्ली। माफिया मुख्तार अंसारी और उसके भाई सांंसद अफजाल अंसारी को लेकर कोर्ट का फैसला आ गया है। मुख्तार को दस साल की सजा और अफजाल को चार साल को सजा सुनाई गई। गैगस्टर एक्ट में कोर्ट ने दोनों को ये सजा सुनाई है।
गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। 16 साल के बाद मामले में फैसला आया है। गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम/ एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश कुमार की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई एक अप्रैल को पूरी हो गई थी। वहीं अफजाल को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। अफजाल की संसद की सदस्यता भी चली जाएगी, क्योंकि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है।
मुख्तार को एक और मामले में दस वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है। पिछले वर्ष दिसंबर में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्ष 1996 में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। निर्णय के समय मुख्तार अंसारी कोर्ट में उपस्थित नहीं था। वर्ष 1996 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी। उस समय 5 मुकदमों के आधार पर गैंगेस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की गई थी जिसमें कांग्रेस के नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या का मुकदमा एवं इसके अतिरिक्त अपर पुलिस अधीक्षक पर जानलेवा हमले का मुकदमा भी शामिल था। इस मुकदमे में 26 वर्ष बाद सजा सुनाई गई थी। ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी ट्रायल कोर्ट से मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी।
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