केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इफको नैनो डीएपी (तरह) प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि लागत को कम करेगा। वे बुधवार को इफको नैनो डीएपी (तरह) का शुभारंभ करते हुए अपने विचार रख रहे थे।
इस दौरान केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि नैनो डीएपी तरल और नैनो यूरिया तरल कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा। इससे खाद की खपत कम होगी और किसान समृद्ध होगा। आगे उन्होंने कहा कि नैनो डीएपी (तरह) और नैनो यूरिया (तरह) के आने से यूरिया की खपत में 14 फीसदी की कमी आई है और डीएपी की खपत में पहले 06 फीसदी और फिर 20 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसी संदर्भ में आगे उन्होंने कहा कि दोनों नैनो खाद किसानों की लागत को कम करेंगी। इससे गेहूं की लागत में छह फीसदी की कमी आएगी, जबकि आलू और गन्ने की लागत में 20 फीसदी की कमी आएगी।
शाह ने कहा कि इफको नैनो डीएपी (तरल) फर्टिलाइजर क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत है। अभी देश में 384 लाख मीट्रिक टन फर्टिलाइजर का उत्पादन होता है। इसमें से 132 लाख मीट्रिक टन सहकारी संस्थाएं उत्पादन करती हैं, जिसमें इफको ने अकेले 90 लाख मीट्रिक टन खाद का उत्पादन किया है।
उल्लेखनीय है कि इफको नैनो यूरिया (तरल) पहले ही लॉन्च कर चुकी है। आज केन्द्रीय मंत्री शाह ने इफको नैनो डीएपी (तरल) को भी लॉन्च किया। इफको का कहना है कि संस्थान की ओर से तैयार किए गए दोनों नैनो उर्वरक फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने में सक्षम है।
50 किलो की एक डीएपी की बोरी पर 4000 रुपये की लागत आती है, जिसे किसानों को सरकार 1,350 रुपये में उपलब्ध कराती है। इसी 50 किलों वाली बोरी को इफको 500 एमएल की बोतल नैनो डीएपी लिक्विड फर्टिलाइजर के तौर पर अब उपलब्ध करवाने जा रही है।
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