उनके अपने शब्द – मैं पाकिस्तान में पैदा हुआ एक भारतीय हूं, इस्लाम में पैदा हुआ एक पंजाबी हूं, एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक प्रवासी हूं, एक मार्क्सवादी युवा हूं। मैं सलमान रुश्दी के कई मिडनाइट्स चिल्ड्रेन में से एक हूं: हमें एक महान सभ्यता के पालने से छीन लिया गया था।” और स्थायी शरणार्थी बना दिया, .
कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद सोमवार 24 अप्रैल को पाकिस्तानी-कनाडाई स्तंभकार तारिक़ फ़तह का निधन हो गया। फतह की बेटी नताशा फतह, जो खुद एक पत्रकार हैं, ने खबर दी।
श्री तारेक फतह एक प्रसिद्ध विचारक, लेखक और टीकाकार थे। मीडिया और साहित्य जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। वह जीवन भर अपने सिद्धांत और विश्वास को लेकर आदिग रहे और साहस के लिए उनका सम्मान किया गया।
तारेक फतह का जन्म कराची, पाकिस्तान में हुआ था और बाद में 1987 में कनाडा चले गए। वह एक पुरस्कार विजेता रिपोर्टर, स्तंभकार और रेडियो और टेलीविजन कमेंटेटर थे। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स रखने वाले फतेह एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। फतह 2001 में मुस्लिम कनाडाई कांग्रेस के संस्थापकों में से एक थे। वे इस्लाम के उदारवादी और प्रगतिशील रूप के समर्थक थे।
वे ज़ी न्यूज़ के फ़तह का फ़तवा कार्यक्रम में इस्लाम पर लगातार अपना नजरिया पेश करते आ रहे थे।
क्यों विवादों से प्यार था फतेह
तारिक़ फ़तह एक उदारवादी इस्लाम के पक्ष को बढ़ावा देने के लिये प्रसिद्ध थे। तारिक़ फ़तह दक्षिण एशिया और विशेष रूप से कट्टरपंथी भारतीय और पाकिस्तानी मुसलमानों की अलगाववादी संस्कृति के विरुद्ध भी बोलते थे, तथा वे समलैंगिक व्यक्तियों के समान अधिकारों और हितों के भी पक्षधर थे।
साथ ही वे बलोचिस्तान में मानवाधिकार के हनन और पाकिस्तान द्वारा बलोचिस्तान में किये जा रहे ज़्यादतियों के विषय पर भी बोलते और लिखते थे और ‘आज़ाद बलोचिस्तान’ के पक्षधर के रूप में भी जाने जाते थे। पाकिस्तान पर उनका दृढ मत था कि पाकिस्तान विश्व में आतंकवाद का प्रायोजक है।
पाकिस्तानी व्यवस्था, इस्लामिक कट्टरपंथ, इस्लामिक इतिहास एवं कुछ परंपराओं के विषय में बोलने के कारण उनके विचार अक्सर विवाद का मुद्दा बने रहते थे
प्रारंभिक जीवन
उनका जन्म कराची में हुआ था लेकिन वे पंजाबी मूल के थे। उन्होंने कराची विश्वविद्यालय से जीव-रसायन में शिक्षा प्राप्त की थी। कनाडा में अपना घर बसाने से पहले उनका परिवार साउदी अरब में कुछ साल रहा था। उन्होंने एक टीवी चैनल में काम किया। 1970 में वे कराची सन नाम के अखबार में रिपोर्टिंग करते थे।
फतेह, जो पाकिस्तान के घोर आलोचक थे, मीडिया के अनुसर , पाकिस्तानी सेना द्वारा कई बार जेल गए थे। वह बलूच अलगाववादी आंदोलन के हिमायती थे और उन्होंने भारतीय मूल पर गर्व जताया था।
चेजिंग अ मिराज : द ट्रैजिक इल्लुझ़न ऑफ़ ऐन इस्लामिक स्टेट (Chasing a Mirage: The Tragic Illusion of an Islamic State) उनकी प्रसिद्ध कृति है। उन्होंने द ज्यू इज नॉट माई एनीमी: अनवीलिंग द मिथ्स दैट फ्यूल मुस्लिम एंटी-सेमिटिज्म एंड चेजिंग ए मिराज: द ट्रेजिक इल्यूजन ऑफ ए इस्लामिक स्टेट नामक पुस्तकें लिखी थीं।
कुछ विशेष टिप्पणियां
मुस्लिमों के लिए क्या बोले तारिक?
– “मुसलमानों को सच का सामना करना चाहिए।”
– “सच यह है कि हिंदुस्तान में जिस एक हजार साल की मुस्लिम हुकूमत पर वे रोते-इतराते हैं, वह हमलावरों का इतिहास है, जिन्होंने इस महान मुल्क को लूटा, बर्बाद किया और सत्ता की छीना-झपटी में खूनखराबा करते रहे। जबकि भारतीय मुस्लिमों के पूर्वज पहले से यहीं थे। वे हिंदू, जैन और बौद्ध थे।”
– तारिक ने कहा, “हिंदुओं को जिम्मी-जजिया के जरिए छल-बल से सदियों तक मजबूर किया गया। उनके मंदिर तोड़े गए। आज के हिंदुस्तान ही नहीं, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के भी मुस्लिम उन बाहरी हमलावरों से खुद को कैसे जोड़ सकते हैं? उनके पुरखों ने ही यह सनातन संस्कृति बनाई थी। मुसलमानों को यह ऐतिहासिक भूल खुद सुधारनी होगी। तभी वे भारत की रूह से जुड़ पाएंगे। नहीं तो झूठे इतिहास में खुद को गाफिल रखेंगे।”
‘कश्मीर का भविष्य भारत के साथ ही है’
– तारिक के मुताबिक, “कश्मीरियों की भलाई इसी में है कि पाकिस्तान की तरफ मुंह न करें। भारत ही उनका अतीत, वर्तमान और भविष्य है।”
– “चंद पाकिस्तान परस्त नेता कश्मीर की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्हें सरहद के बार धकिया देना चाहिए। वे कश्मीर की एक पूरी पीढ़ी की बर्बादी के कसूरवार हैं।”
– “कश्मीरियों को भी अपनी जड़ें देखनी चाहिए। वह हिंदू और बौद्ध परंपराओं का गढ़ रहा है। धरती की जन्नत की हमलावरों ने क्या शक्ल बना दी?”
‘झूठ और नफरत पर खड़ा है पाकिस्तान’
– तारिक कहते हैं, “यह एक मुल्क के नाम पर बड़े झूठ और नफरत की बुनियाद पर खड़ा धोखा है। यह बंटवारे के बाद साबित हो चुका है।”
– “जिन्ना से लेकर वहां के सारे लीडरों ने भारत को लगातार धोखे दिए हैं। वह भरोसे के काबिल नहीं है।”
– “पाक दुनिया भर में आतंक की फैक्ट्री बन चुका है। उसने पूरी कौम को ही बर्बाद कर रखा है। मोदी ही उसका इलाज कर सकते हैं। उसके साथ सख्ती से ही पेश आना होगा।”
तारिक फतेह की नजर में मोदी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे बिल्कुल साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में आए। यह बात उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहले से मौजूद प्रधानमंत्री पद के दावेदार दूसरे नेताओं से बिल्कुल अलग करती है। तारिक ये भी कहते हैं कि राहुल गांधी के लिए एक सशक्त नेतृत्व देना नामुमकिन-सी चुनौती है। साधारण कार्यकर्ता की तरह मोदी ने देश घूमा…
– तारेक कहते हैं, “सत्ता की राजनीति में आने के पहले मोदी एक साधारण कार्यकर्ता की तरह देश के कोने-कोने में घूमते रहे। इसलिए दूसरों की तुलना में उनकी जमीनी समझ ज्यादा गहरी है।”
– “वे जानते हैं कि जनता की मुश्किलें क्या हैं? जबकि दिल्ली के दूसरे सियासी किरदार सत्ता केंद्रित राजनीति के ही खिलाड़ी रहे।”
‘कांग्रेस के नेता जमीन से कटे’
– तारिक के मुताबिक, “अब भी देश में कांग्रेस की जमीन निचले स्तर पर है। सारी समस्या ऊपर की है।”
– “कांग्रेस में जमीन से कटे नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी को खींच रहे हैं। राहुल गांधी के लिए एक सशक्त नेतृत्व देना नामुमकिन-सी चुनौती है। खासकर मोदी के सामने। वे इसके लिए बने ही नहीं हैं।”
“पंजाब का शेर। हिंदुस्तान का बेटा। कनाडा का प्रेमी। सच्चाई का वक्ता। न्याय के लिए सेनानी। दलितों, दलितों और शोषितों की आवाज। तारेक फतह ने बैटन पास कर दिया है … उनकी क्रांति सभी के साथ जारी रहेगी।” जो उन्हें जानते और प्यार करते थे। क्या आप हमारे साथ जुड़ेंगे? 1949-2023,” उनकी बेटी नताशा फतह, जो खुद एक पत्रकार हैं, ने आज ट्वीट किया।
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स रखने वाले फतेह एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। वह मानवाधिकारों के घोर रक्षक और किसी भी रूप में धार्मिक कट्टरता के कट्टर विरोधी थे।
एक ऐसी निर्भीक आवाज़ और सोच जिसने सरहदों की पाबंदियां और धर्म के चश्मे से आगे देखना ही अपना मुकाम बनाया, आज शांत हो गई पर लाखों करोड़ों दिलों को वास्तविकता के आईने से देखने को मार्गदर्शन दिया।
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