नई दिल्ली। विदेशी धरती से स्वदेशी धरोहरों को वापस लाने की मुहिम तेजी से चल रही है। इसी के तहत 15वीं शताब्दी की भगवान हनुमान की मूर्ति को ऑस्ट्रेलिया से वापस लाया गया है। अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लुर के वरताराजा पेरुमल के विष्णु मंदिर से हनुमान जी की मूर्ति चोरी हो गई थी। यह उत्तर चोल काल (14वीं-15वीं शताब्दी) से संबंधित है। यह वर्ष 1961 में “पांडिचेरी के फ्रांसीसी संस्थान” द्वारा प्रलेखित किया गया था।
पुरात्तव विभाग के अनुसार मूर्तिकला को कैनबरा में यूएस सीडीए माइकल गोल्डमैन, यूएस दूतावास द्वारा कैनबरा में भारत के उच्चायुक्त को सौंप दिया गया था। मूर्ति को फरवरी के अंतिम सप्ताह में भारत लाया गया था और 18 अप्रैल को तमिलनाडु को सौंप दिया गया था। बता दें कि भारत सरकार देश के भीतर देश की पुरातन विरासत को सुरक्षित रखने की दिशा में अब तक 251 पुरावशेष विभिन्न देशों से वापस लाए गए हैं, जिनमें से 238 पुरावशेष वर्ष 2014 से वापस लाए गए हैं।
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