भारतीय मूल के अजय बंगा का विश्व बैंक का अध्यक्ष बनना सुनिश्चित होने के बाद उन्हें लेकर उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। अब अमेरिका ने अजय बंगा को विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए एकदम सही व्यक्ति करार दिया है।
इस वर्ष फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को विश्व बैंक के अध्यक्ष के लिए नामित किया था। इसके बाद 29 मार्च तक विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन होने थे। इस तिथि तक अजय बंगा के अलावा किसी और उम्मीदवार ने नामांकन नहीं कराया, जिसके बाद अजय बंगा का विश्व बैंक का अध्यक्ष बनना तय हो गया है। अब अजय बंगा से विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में कामकाज संभालने के बाद बड़ी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। इन उम्मीदों के बीच अ- मेरिका ने कहा है कि अजय बंगा निर्विवाद रूप से विश्व बैंक का नेतृत्व करने में सक्षम व्यक्ति हैं।
अमेरिकी सरकार के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में, अजय बंगा एक अपवाद हैं। अजय बंगा के पास नेतृत्व क्षमता के साथ ही प्रबंधन का अनुभव भी है। इसके अलावा वे वित्तीय सेक्टर में भी अनुभव रखते हैं। यह संयोजन उन्हें विशिष्ट बनाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अजय बंगा विश्व बैंक के अध्यक्ष के रूप में गरीबी हटाने, समृद्धि फैलाने जैसे उसके उद्देश्यों की पूर्ति में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया तेजी से बदल रही है। पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इन स्थितियों में अजय बंगा विश्व बैंक का नेतृत्व करने के लिए सही उम्मीदवार हैं।
जानिए कौन हैं अजय बंगा ?
63 वर्षीय अजय बंगा, एक भारतीय-अमेरिकी हैं जो फिलहाल इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक में वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत हैं। उनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। अजय बंगा की स्कूलिंग हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई है। तब उनके पिता हरभजन सिंह बंगा सेना में अफसर थे और 1970 में हैदराबाद में ही तैनात थे। स्कूली पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बैचलर डिग्री प्राप्त की इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अहमदाबाद (IIM) से प्रबंधन की पढ़ाई की।
जानिए कितना है अनुभव
अजय बंगा के पास 30 साल से ज्यादा का कारोबारी अनुभव है। अजय बंगा मास्टकार्ड में प्रेसिडेंट और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पद के साथ-साथ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के भी सदस्य थे। उन्होंने अगस्त 2009 में मास्टकार्ड ज्वॉइन किया था और 2010 अप्रैल में प्रेसिडेंट और CEO बने थे। इससे पहले वे सिटीग्रुप एशिया-पैसिफिक रीजन के सीईओ थे। जहां उन्होंने सीईओ के अलावा इंस्टीट्यूशनल बैंकिंग, अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट, वेल्थ मैनेजमेंट, कंज्यूमर बैंकिंग समेत कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाली। वे सिटीग्रुप में सीनियर लीडरशिप और एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य भी थे।
कैसे शुरू किया हुआ बिजनेस करियर
1996 में सिटीग्रुप में शामिल होने से पहले बंगा ने साल 1981 में नेस्ले से अपने बिजनेस करियर की शुरुआत की थी। भारत के साथ 13 साल तक काम किया और पेप्सिको में भी दो साल बिताए। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और Dow Inc. में काम किया है। उनकी सामाजिक विकास के मुद्दों में गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने पहले एंटरप्राइज कम्युनिटी पार्टनर्स और नेशनल अर्बन लीग के ट्रस्टियों के बोर्ड में काम किया और न्यूयॉर्क हॉल ऑफ साइंस के ट्रस्टी बोर्ड के वाइस चेयरमैन थे। वह आर्थिक शिक्षा परिषद के निदेशक भी थे। इसके अलावा, 2005 से 2009 तक, उन्होंने दुनिया भर में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में सिटी की रणनीति का नेतृत्व किया।
बाराक ओबामा के साथ भी किया काम
2015 में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें व्यापार नीति और वार्ता के लिए राष्ट्रपति की सलाहकार समिति में भी नियुक्त किया था।
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