संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट ने बताया है कि चीन अब जनसंख्या के मामले में भी भारत से पिछड़ता जा रहा है। अब भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने वाला है। यूएन की यह रिपोर्ट आज यानी 19 अप्रैल को ही पेश की गई है। इसके अनुसार, भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ तक पहुंच गई है, जबकि चीन की नजसंख्या 142.57 करोड़ है।
यानी भारत और चीन की जनसंख्या में 29 लाख का फर्क है। यानी अब दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश है भारत। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की इन नई रिपोर्ट के ये आंकड़े ‘द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन’ रिपोर्ट 2023 के आधार पर निकाले गए हैं। यूएन ने 2022 में ही अनुमान लगा लिया था कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने जा रहा था।
भारतीय सर्वेक्षण के नतीजे दिखाते हैं कि आम जनता के एक बड़े हिस्से को जनसंख्या के बारे में चिंता है। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे कोई खतरे की घंटी नहीं बजनी चाहिए। इसे तो तरक्की, विकास तथा आकांक्षाओं के प्रतीक के तौर पर देखा जाना चाहिए।
यूएनएफपीए की इस ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 आयु वर्ग वालों की कुल आबादी में संख्या 25 प्रतिशत है, 18 प्रतिशत आबादी 10-19 वर्ष आयु वर्ग वालों की है, 26 प्रतिशत 10-24 आयु वर्ग वालों की है। भारत में लगभग 68 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग के लोगों की है जबकि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत हैं। चीन में भारत के मुकाबले लोग लंबा जीते हैं। महिलाओं के मामले में जीवन की औसत प्रत्याशा 82 तो पुरुषों के मामले में 76 साल की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लिहाज से यह आंकड़ा क्रमश: 74 और 71 है।
उल्लेखनीय है कि यूएनएफपीए भारत से जुड़े एंड्रिया वोजनार ने एक बयान में कहा, भारतीय सर्वेक्षण के नतीजे दिखाते हैं कि आम जनता के एक बड़े हिस्से को जनसंख्या के बारे में चिंता है। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे कोई खतरे की घंटी नहीं बजनी चाहिए। इसे तो तरक्की, विकास तथा आकांक्षाओं के प्रतीक के तौर पर देखा जाना चाहिए। रिपोर्ट में महिलाओं की शारीरिक स्वायत्तता के हक में कमी पर भी रोशनी डाली गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 68 देशों की सूची में 44 प्रतिशत में महिलाओं और लड़कियों को यौन, गर्भनिरोधक तथा स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के विषयों में खुद कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं है। दुनिया में करीब 25.7 करोड़ महिलाओं की सुरक्षित, भरोसेमंद गर्भनिरोधक की जरूरतें पूरी नहीं होती हैं। पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा का कहना है कि इसमें बच्चे पैदा करने का अधिकार तक शामिल है। उनके अनुसार, भारत में हर चार में से एक महिला की शादी 18 साल से पहले हो जाती है।
मुत्तरेजा का कहना है कि भारत भले ही दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया हो, पर यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोगों को व्यापक और न्यायसंगत सेवाएं प्राप्त हों।
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