दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने को अराजक और अपने नेताओं को कट्टर ईमानदार कहते हैं। दिल्ली को विकास मॉडल के तौर पर पेश करते हैं और फिर कहते हैं कि केंद्र काम नहीं करने देता। दिल्ली में शिक्षा को लेकर उनके दावे उस समय धराशायी हो गए जब दिल्ली के शिक्षामंत्री शराब नीति घोटाले में आरोपी पाए गए। जब से वह सरकार में आए हैं तब से किसी भी उपराज्यपाल से उनकी पटरी नहीं बैठी। वह चाहे नजीब जंग हों या फिर अनिल बैजल या नए उपराज्यपाल अनिल सक्सेना।
अरविंद केजरीवाल पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांटते हैं और जब इसमें असफल होते नजर आते हैं तो ठीकरा केंद्र पर फोड़ देते हैं। दिल्ली में बिजली सब्सिडी को लेकर उन्होंने और उनकी ऊर्जा मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के बयान को झूठा और लोगों को गुमराह करने वाला बताया। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल और उनके मंत्री ऐसा दस्तावेज पेश करें जो उनके आरोपों को सही साबित करता हो।
दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि बिजली सब्सिडी बढ़ाने का मंत्रिमंडल का फैसला उपराज्यपाल के पास लंबित है। 48 लाख लोगों ने सब्सिडी के लिए आवेदन किया है। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इस संबंध में एक पत्र के साथ ट्वीट किया। इस ट्वीट को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिट्वीट किया। इसके बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के आरोपों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर कहा है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री बिजली सब्सिडी पर लोगों को गुमराह करने वाला और झूठा बयान दे रहे हैं। ऊर्जा मंत्री आतिशी कह रही हैं कि उपराज्यपाल बिजली सब्सिडी खत्म कर रहे हैं और प्रधानमंत्री कार्यालय के दबाव में सब्सिडी में बाधा डालने की कोशिश की जा रही है। इस तरह का झूठ उन्होंने 14 अप्रैल को भी बोला था। उन्होंने कहा था कि उपराज्यपाल फाइल नहीं पास कर रहे हैं, जबकि वह फाइल उपराज्पाल के पास 11 अप्रैल को भेजी गई थी और उन्होंने इस पर मंजूरी देकर वापस भेज दिया था। उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने यह भी कहा कि वह बिजली सब्सिडी के पक्ष में रहे हैं।
अपने को कट्टर ईमानदार कहने वाले आम आदमी पार्टी के नेता इस समय भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से जूझ रहे हैं। मनीष सिसोदिया सीबीआई और ईडी की गिरफ्त में हैं। दिल्ली की कोर्ट ने भी कहा है कि उनके ऊपर लगे आरोप गंभीर हैं, फिर भी केजरीवाल अपने मंत्रियों को सच्चाई का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं। उनसे भी सीबीआई ने पूछताछ की है। सीबीआई दफ्तर जाने से पहले वह राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर गए थे। केजरीवाल ने एक ट्वीट किया कि हम बापू के बताए रास्ते पर हैं। अंत में जीत सत्य की होगी। सत्य की बात कहने वाले अरविंद केजरीवाल झूठे आरोप भी लगाते हैं और जब फंसते नजर आते हैं तो माफी मांग लेते हैं। यह भी उनकी एक तरह की पॉलिटिक्स है। अरुण जेटली, नितिन गडकरी, सिब्बल और विक्रम मजीठिया पर झूठे आरोप लगाकर वह उनसे माफी भी मांग चुके हैं।
अरविंद केजरीवाल ने अकाली नेता मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मजीठिया ड्रग्स बेचते हैं। बाद में केजरीवाल ने मजीठिया से कहा कि उनके आरोप निराधार थे, इसलिए वह माफी मांगते हैं।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर जमीन घोटाले का आरोप लगाया था। सर्वाधिक भ्रष्ट लोगों की सूची में नितिन गडकरी के शामिल होने की बात कही थी। इसके बाद केजरीवाल ने नितिन गडकरी से भी लिखित में माफी मांगी। केजरीवाल ने लिखा कि मेरी आपसे कोई रंजिश नहीं। पूर्व में दिए बयान के लिए अफसोस जाहिर करता हूं।
केजरीवाल ने कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल पर ‘निजी लाभ के लिए शक्तियों के दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वह ऐसे समय में एक दूरसंचार कंपनी की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए, जब कपिल सिब्बल केंद्रीय संचार मंत्री थे। केजरीवाल ने इन दोनों को भी पत्र लिखकर अपने बयानों के लिए खेद जताया।
केजरीवाल ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि अरुण जेटली के डीडीसीए कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ था। जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि केस दायर किया था। इसके बाद केजरीवाल ने अरुण जेटली को भी माफीनामा भेजा था।
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