लखनऊ। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यूपी एसटीएफ के साथ दोनों की मुठभेड़ उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में हुई थी। उमेश पाल हत्याकांड में दोनों फरार थे।
उमेश पाल हत्याकांड में अभियुक्तों गुड्डू मुस्लिम, मोहम्मद गुलाम, साबिर, अरमान और अतीक अहमद के बेटे असद पर पचास-पचास हजार का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस महानिदेशक ने इस इनाम को बढ़ाकर ढाई-ढाई लाख रुपये किया। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अरबाज और उस्मान पुलिस मुठभेड़ में पहले ही मारे जा चुके हैं। अभियुक्त सदाकत को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। अब मोहम्मद गुलाम और अतीक अहमद का बेटा असद पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गए हैं।
बता दें कि उमेश पाल की 24 फरवरी को हत्या हुई थी। वह राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे। राजू पाल हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई काफी तीव्र गति से चल रही है। वर्ष 2005 में जब विधायक राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तो सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे, जिस समय मुकदमे की सुनवाई हो रही थी। उस समय सपा का शासनकाल था। उसके बाद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि सपा के शासनकाल में अभियुक्तगण अत्यंत प्रभावी हैं इसलिए ट्रायल पर रोक लगा दी जाए। उच्च न्यायालय ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी। जैसे ही बसपा की सरकार वर्ष 2007 में बनी, अतीक अहमद और उसके भाई के खिलाफ मुक़दमे दर्ज किये गए।
राजू पाल हत्याकांड के गवाह जो कोर्ट में मुकर गए थे, उन सब ने थाने में एफआईआर लिखवाई कि उनका अपहरण कर लिया गया था और यह कहा गया था कि कोर्ट में अगर नहीं मुकरोगे तो जान से मार दिए जाओगे, इसलिए जान के डर से कोर्ट में बयान से मुकरना पड़ा था। राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल समेत अन्य कई लोगों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। एक साल फरार रहने के बाद वर्ष 2008 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार होकर अतीक अहमद को प्रयागराज लाया गया था। वहीं इस साल 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी।
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