बीती रात एबीवीपी जेएनयू के कार्यकर्त्ताओं ने जेएनयू में जेएनयू में मेस टॉक कल्चर को पुनः स्थापित किया, जो की लॉक डाउन के बाद जेएनयू से विलुप्त हो गया था। एबीवीपी जेएनयू ने “भारत की मूल स्थिति को पुनः प्राप्त करना और भारत को तोड़ने वाली ताकतें” विषय पर एक जनसंवाद करवाया, जिसके मुख्य अतिथि के रूप में सुधांशु त्रिवेदी जी मौजूद थे। उनकी उपस्थिति मात्र के नाम से ही जेएनयू के छात्रों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। मेस में छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई थी कि आधे छात्रों ने जगह न बचने के मेस के बाहर से उनके व्याख्यान को सुना।
कार्यक्रम की शुरुवात एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा जी ने सुधांशु त्रिवेदी जी को पुष्प का गुच्छ देकर किया। उसके बाद उमेश चंद्र अजमीरा जी ने कहा, “यह हम सब के लिए सम्मान की बात है कि आदरणीय सुधांशु त्रिवेदी जी आज हमारे बीच हैं। और संयोग से हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आज उनका यहां होना हमेशा की तरह, जेएनयू के वामपंथियों के कुतार्किक विचारों को अपने सकारात्मक और भारतीय सुदृढ़ विचारों की कड़ी टक्कर देने का कार्य करेगा।” उसके बाद उन्होंने आदरणीय सुधांशु जी को उद्बोधन के लिए आमन्त्रित किया।
उद्बोधन की शुरुवात उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए किया और कहा, “आज इस जनशैलाब को देख कर उन्हें अपने छात्र जीवन की याद आ गई, छात्र जीवन के बाद उन्हें प्रथम बार उन्हें मेस में आने का सौभाग्य मिला है।” आगे उन्होंने कहा कि वामपंथी कभी उदारवादी नहीं हो सकते। दुनिया में कोई ऐसा साम्यवादी देश नहीं है जहां मस्जिद पर पाबंदी ना हो। वर्तमान में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था है, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में चाइना के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। इन्वेस्टमेंट के मामले में भारत ने अमेरिका को पछाड़कर विश्व में पहला पायदान हासिल कर लिया है। भारत विश्व में सुपरपावर्ड नहीं बल्कि जगतगुरु बनना चाहता है क्योंकि सुपर पावर से लोग डरते हैं लेकिन अपने गुरु से सभी सहज होते हैं। जब 2014 में भारत यूनाइटेड नेशन में योग दिवस को लेकर प्रस्ताव लाया था तो उसमें से 170 देश इसके प्रस्तावक बने थे जिसमें से 42 मुस्लिम देश थे। भारत रिन्यूएबल एनर्जी के छेत्र में तरक्की कर रहा है। भारत का यह लक्ष्य है कि 2030 तक काम अपनी एनर्जी का 40% निर्भरता रिन्यूएबल एनर्जी पर करेंगे और हमने वह लक्ष्य 2022 में ही हासिल कर लिया।
कार्यक्रम में उन्होंने राम शब्द का वास्तविक अर्थ भी बताया जिसका मतलब है कि अपने अंदर जिसमे समस्त जगत रम जाता है वह है ‘राम’। 2014 में यह सरकार आने के बाद पहली बार डब्ल्यूएचओ ने सेंटर ऑफ मेडिसिनल साइंस बनाया जो गुजरात के जामनगर स्थित है और इसमें मुख्य शोध आयुर्वेद पर होता है। भारत एकमात्र ऐसा देश है जो वर्तमान में यूक्रेन और रसिया दोनों से बात करने का सामर्थ्य रखता है।
जब यह मन में गृह युद्ध हुआ तो वहां से भारतीयों को निकालने के लिए वहां की सेना और आंतरिक बल ने 2 घंटे का सीज फायर किया। और भारत में न सिर्फ अपने देश के लोगों को निकाला बल्कि अपने साथ-साथ 19 अन्य देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित उनके घर पहुंचाया। जब 2008 में ओबामा अपने चुनाव का प्रचार कर रहे थे तब उन्होंने कहा था हमें अपने बच्चों को मानसिक स्तर पर मजबूत करना है क्योंकि अमेरिका के लोगों को भारत के लोगों के साथ बुद्धिमत्ता पर मुकाबला करना है। उन्होंने अपने व्याख्यान को इस बात के साथ विराम दिया कि “भारत मात्रा एक युवा राष्ट्र नहीं बल्कि, भारत सबसे प्राचीन और स्थापित सभ्यता वाला एक युवा राष्ट्र है।”
उनके उद्बोधन के बाद एबीवीपी जेएनयू के इकाई मंत्री विकास पटेल ने सुधांशु त्रिवेदी जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “हम जेएनयू में फिर से मेस कल्चर को स्थापित करने में सफल रहे। हम आगे और भी ऐसे कार्यक्रम कराते रहेंगे, ताकि छात्रों का व्याख्यानों के माध्यम से बौद्धिक संवर्धन होता रहे । यहां आने वाले सभी छात्रों का धन्यवाद की उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। “
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