राज्यसभा में पक्ष विपक्ष के गतिरोध के चलते बाधित रहे बजट सत्र की कार्यवाही बुधवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि संसद के कामकाज को ठप कर राजनीति को हथियार बनाना गंभीर परिणाम देने वाला है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी हमें नारों से पैदा होने वाले शोर से नहीं बल्कि राष्ट्र के विकास पथ को मजबूत करने की दिशा में हमारे योगदान से आंकेगी।
धनखड़ ने सदन के अनिश्चितकालीन स्थगन की घोषणा के दौरान चिंता जताते हुए कहा कि यह विडंबना है कि संसद में अव्यवस्था नई व्यवस्था बन रही है। यह नया मानदंड लोकतंत्र के सार को नष्ट कर देता है। संसद में वाद-विवाद, संवाद और विचार-विमर्श के स्थान पर व्यवधान और अशांति लेती जा रही है।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग की उत्पादकता 56.3 प्रतिशत थी जबकि दूसरे भाग में यह घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई। संचयी रूप से सदन की उत्पादकता केवल 24.4 प्रतिशत थी। व्यवधानों के चलते सभा ने 103 घंटे 30 मिनट का बहुमूल्य समय गंवा दिया। सदन के निराशाजनक प्रदर्शन पर विचार कर रास्ता निकालने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा का 259वां सत्र आज समाप्त हो रहा है। संसद लोकतंत्र की प्रहरी है और जनता जनप्रतिनिधियों की प्रहरी है। जनता की सेवा करना हमारा प्राथमिक कर्तव्य है। संसद के पवित्र परिसर लोगों के समग्र कल्याण के लिए चर्चा और विचार-विमर्श, बहस और निर्णय के लिए हैं। लोगों को संसद में व्यवधान नापसंद है। जनता के मन में हम तिरस्कार और उपहास के पात्र बन रहे हैं। हमें लोगों की अपेक्षाओं पर अपने ट्रैक रिकॉर्ड को प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है।
लोकसभा में 25 बैठकें और करीब 46 घंटे ही हुआ कामकाज
वहीं आज गुरुवार को सत्रहवीं लोकसभा के ग्यारहवें सत्र का अंतिम दिन था। 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का बजट सत्र दो भागों में था। इस दौरान 25 बैठकें हुईं और लगभग 46 घंटे कामकाज हुआ। इस सत्र के दौरान आठ सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा छह विधेयक पारित किए गए।
बजट सत्र का दूसरा भाग विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच गतिरोध के चलते बाधित रहा। विपक्ष जहां अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग करता रहा तो वहीं सत्ता पक्ष राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर उनसे माफी मांगता रहा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दूसरे भाग के अंतिम दिन गुरुवार को बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें की गईं और लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक कार्यवाही चली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को एक साथ समवेत दोनों सभाओं के सदस्यों के समक्ष अभिभाषण प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 13 घंटे 44 मिनट तक चली और इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री ने वाद-विवाद का उत्तर दिया। सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार किया।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में वित्त मंत्री द्वारा एक फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय बजट 2023-24 पर सामान्य चर्चा 14 घंटे 45 मिनट तक चली। वाद-विवाद में 145 सदस्यों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों की वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों को सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया। उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक पारित किया गया।
सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का मौखिक उत्तर दिया गया। प्रश्नकाल के बाद लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोकसभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। सत्र में निदेश 73ए के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्य सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
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