अमृतसर। पंजाब के संगरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने एक वेब चैनल में माना है कि वह लोगों को विदेशों में राजनीतिक शरण दिलाते हैं और इसके बहाने पैसे भी लेते हैं। एक स्थानीय वेब चैनल से बात करते हुए सिमरनजीत सिंह मान ने कहा, इसमें गलत क्या है जो लोग मुसीबत में हैं, मैं उन्हें अपनी पार्टी के लेटरहेड पर राजनीतिक शरण के लिए लिखकर देता हूं। एक सांसद होने के नाते उनके लेटरहेड पर लिखी बात को विदेशों में प्रमाणिक माना जाता है।
अब तक 50 हजार लोग विभिन्न देशों जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी आदि में पक्के हो गए हैं। सांसद सिमरनजीत मान इसे गलत नहीं मानते। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो बच्चे 30 से 40 लाख रुपए खर्च करके विदेश जाना चाहते हैं तो क्या वह मेरे एक पत्र के लिए मेरी पार्टी को 35 हजार रुपए नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि क्या मैंने पार्टी नहीं चलानी। मेरे विरोधी भी तो पार्टी चलाने के लिए पैसा लेते हैं, मैंने यह तरीका अपनाया हुआ है। सांसद मान अपने लेटर हेड पर खालिस्तान समर्थकों को यह लिख कर देते हैं कि भारत में उनकी जान को खतरा है और उन्हें अपने देश में शरण दी जाए। विदेशी ताकतें व खालिस्तानी समर्थक इसी पत्र को भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए प्रयोग करते हैं। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनजीत सिंह बिट्टा ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है और मान के इस कुकृत्य की निन्दा की है।
सिमरनजीत मान ने कहा- पाकिस्तान भाग जाए अमृतपाल, आईएसआई करेगी सहयोग
भगोड़े खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को लेकर सिमरनजीत सिंह मान ने कहा था कि वह आत्मसमर्पण न करे बल्कि पाकिस्तान भाग जाए। वहां आईएसआई के लोग उसका सहयोग करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि क्या अमृतपाल का पाकिस्तान भाग जाना जायज है तो मान ने कहा कि उनकी जिंदगी खतरे में है। सरकार जुल्म कर रही है तो यह सिख इतिहास के हिसाब से जायज है। सिमरनजीत सिंह मान की टिप्पणी 1984 की घटनाओं की तरफ इशारा थी जब सिख विरोधी दंगे हुए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके खालिस्तानी सहयोगियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था। इसके बाद भारतीय सेना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में घुसी थी। बाद में इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुए थे।
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