गुजरात में आम आदमी पार्टी के डेडियापाडा से विधायक चैतर वसावा ने वनवासियों (tribals) के लिए अलग राज्य की मांग कर दी है। आप विधायक ने अलग राज्य ‘भीलिस्तान’ के नाम से बनाने का फॉर्मूला भी बताया। आम आदमी पार्टी के विधायक ने इस मांग को लेकर आंदोलन करने की बात कही है जिसके लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के वनवासियों के अग्रणियों के संपर्क में होने की बात कही।
नक्शा किया ट्वीट
आम आदमी पार्टी के विधायक के अनुसार पहले वनवासी समाज के लिए अलग भीलिस्तान प्रदेश था। जिसमे गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश का समूचा वनवासी क्षेत्र आता था, लेकिन बाद में यह अलग-अलग राज्यों में चला गया। आम आदमी पार्टी विधायक ने चैतर वसावा ने ट्वीट पर एक मानचित्र पोस्ट कर कहा कि आजादी के बाद वनवासी आबादी वाले जिलों को बांटा गया था।
पहले पूरा राज्य भील प्रदेश था जब देश आजाद हुआ तो पूरे राज्य को आदिवासी आबादी वाले जिलों में विभाजित कर GJ,MH,MP,RJ में बांटा गया था।
भीलप्रदेश की मांग ये सिर्फ हमारी ही नहीं ये हमारे पुरखों की मांग और सपना है!
इसके लिए हमारे कई पुरखे लड़ते लड़ते शहीद हुए!#भीलप्रदेश_हमारी_पहचान_है pic.twitter.com/4VqfMysg9M— Chaitar Vasava AAP (@Chaitar_Vasava) April 4, 2023
जानिए किस राज्य के कितने जिले दिखाए भीलिस्तान में?
आम आदमी पार्टी विधायक ने भीलिस्तान नाम से जो नक्शा ट्वीट किया है, उसमें राजस्थान के पाली, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, चित्तौड़, प्रतापगढ़ जैसे जिले हैं। इसके अलाव मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ और धार, महाराष्ट्र के भरवानी और गुजरात के दाहोद, पंचमहल, नर्मदा, साबरकांठा और बनासकांठा जिले शामिल हैं।
देश तोड़ने वाला प्रयास : भाजपा
हालांकि गुजरात बीजेपी की महासचिव रजनी पटेल ने इस पर कहा कि देश को तोडने वाले किसी भी प्रयास को देश कभी सफल नहीं होने देगा। देश की आजादी के बाद से भीलिस्तान की मांग को लेकर अलग-अलग राय बनती आई है, वैसे में अब गुजरात में आप के नेता के जरिए भीलिस्तान की मांग की गई है, जिसे पहले छोटू वसावा की भारतीय ट्राइबल पार्टी भी कर रही थी।
कांग्रेस ने बताया वोट बैंक की राजनीति
इसको लेकर कांग्रेस के आदिवासी नेता अनंत पटेल ने कहा कि आप के विधायक ने जो अलग राज्य को लेकर बयान दिया है, वो आने वाले राजस्थान और मध्य प्रदेश चुनाव में आदिवासी समाज के वोट बैंक को अपनी ओर करने के लिए दिया है।
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