भारत में हाल ही में रामनवमी हिंसा पर जिस प्रकार देश के अनेक राज्यों से कट्टर मुस्लिमों द्वारा शोभायात्राओं और हिन्दुओं के मकानों, दुकानों पर पत्थर बरसाए गए, उन्हें आग लगाई गई, उसकी सर्वत्र निंदा हो रही है। उग्र मुस्लिम भीड़ ने जगह—जगह अल्लाहू अकबर के नारे लगाते हुए उत्सव मना रहे हिन्दुओं को अपनी हिंसा का निशाना बनाया। इस तरह की ज्यादातर घटनाओं के वीडियो तक सोशल मीडिया पर जारी हुए हैं। (देखें हावड़ा, प. बंगाल का एक वीडियो) लेकिन हैरानी की बात है कि इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी को गोल इस्लामी टोपी पहने वे दंगाई ‘हिन्दू’ दिखाई दिए। इसीलिए उसने एक बयान जारी करके रामनवमी पर ‘मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने’ की घटनाओं की भर्त्सना की।
ओआईसी के उक्त बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बयान उनकी सांप्रदायिक मानसिकता दिखाता है, यह उन देशों के भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत में रामनवमी उत्सव के अवसर पर निकलीं शोभायात्राओं को कई राज्यों में हिंसक मुस्लिम भीड़ द्वारा निशाना बनाए जाने को उलटे तरीके से प्रस्तुत करने वाले ओआईसी के बयान के बाद कहा कि यह संगठन भारत विरोधी ताकतों के असर में है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत में रामनवमी उत्सव के अवसर पर निकलीं शोभायात्राओं को कई राज्यों में हिंसक मुस्लिम भीड़ द्वारा निशाना बनाए जाने को उलटे तरीके से प्रस्तुत करने वाले ओआईसी के बयान के बाद कहा कि यह संगठन भारत विरोधी ताकतों के असर में है। इससे इस संगठन की साख को नुकसान पहुंचाता है। ओआईसी द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि ‘भारत के कई राज्यों में रामनवमी के जुलूसों के दौरान मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया, यह हिंसा और बर्बरता चिंता पैदा करती है’।
After Banaskantha #Gujarat Peacefuls attacked on #Ramanavami Shobha Yatra 👇 in #Howrah, West Bengal.
Hindus organise Iftar parties for them in our temples 🛕 and they pelt stones at us during the Ram Navami.
Still we don't learn. 😡 pic.twitter.com/hksl2p6KiU
— Sushil Sancheti 🇮🇳 (@SushilSancheti9) April 10, 2022
अपने इस बयान में इस्लामिक सहयोग संगठन ने 31 मार्च को बिहार शरीफ में एक भीड़ की ओर से मदरसे में आग लगाने की बात करते हुए भारत पर ‘इस्लामोफोबिया’ का आरोप लगाया था। दुनिया सचित्र देख चुकी है कि रामनवमी के दिन प. बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात के अलावा अन्य कई राज्यों में उग्र मुस्लिमों, विशेषकर मुस्लिम युवाओं द्वारा हिंसा भड़काई गई थी। मस्जिद की छत से शोभायात्रा पर पत्थर बरसाए गए थे।
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