हरियाणा की जिला अदालतों एवं अधीनस्थ अदालतों में आज से हिंदी भाषा में कामकाज शुरू होगा। प्रदेश में राजभाषा संशोधन कानून एक अप्रैल से प्रभावित हो गया है। दो दिन अवकाश के बाद आज अदालतें खुल रही हैं। विधानसभा ने तीन साल पहले अदालतों में हिंदी में कामकाज करने के लिए अधिनियमित किया था।
इस अधिनियम का नाम हरियाणा राजभाषा (संशोधन) कानून 2020 है। सूचना, लोक जनसंपर्क और भाषा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव ने नौ दिसंबर 2022 को राजभाषा संशोधन कानून की धारा 1(2) में इसे लागू करने की तारीख एक अप्रैल, 2023 निर्धारित की थी।
कुछ लोगों ने इस कानून को 2020 में सुप्रीम कोर्ट और फिर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि दोनों अदालतों ने इस पर स्टे नहीं दिया। जून 2020 में भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश शरद बोबडे ने याचिका पर सुनवाई के दौरान मौखिक तौर पर यह टिप्पणी जरूर की थी कि अदालतों में हिंदी भाषा लागू करने में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि हरियाणा राजभाषा कानून 1969 द्वारा हिंदी को हरियाणा की राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया था। प्रदेश में स्थापित जिला/सेशन एवं अन्य अधीनस्थ न्यायालयों में दैनिक कामकाज के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व 11 मई 2020 को हरियाणा सरकार के गजट में हरियाणा राजभाषा (संशोधन) कानून 2020 को अधिसूचित किया गया, जिसे मार्च 2020 में विधानसभा द्वारा विधेयक के तौर पर पारित किया गया।
31 मार्च 2020 को इसे तत्कालीन राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने स्वीकृति दी। इस संशोधन कानून द्वारा हरियाणा राजभाषा अधिनियम 1969 में एक नई धारा तीन ए जोड़कर प्रदेश के सभी सिविल (दीवानी) और फौजदारी न्यायालयों में हिंदी भाषा का प्रयोग करने संबंधी प्रावधान किया गया। यह प्रावधान सभी राजस्व, रेंट अदालतों एवं राज्य सरकार द्वारा गठित अन्य सभी प्रकार की अदालतों और ट्रिब्यूनलों में भी लागू होता है।
टिप्पणियाँ