ताइवान को ‘अपना हिस्सा’ बताने वाले विस्तारवादी कम्युनिस्ट चीन की हेकड़ी को धता बताते हुए ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन आज अमेरिका पहुंच रही हैं। उनका यह दौरा एकाध नहीं बल्कि दस दिन का है। इन दस दिनों में वेन अमेरिका के साथ ही मध्य अमेरिक के दो देशों, ग्वाटेमाला तथा बेलीज भी जाएंगी। वहां वे द्विपक्षीय बातचीत के जरिए संबंधों को मजबूत करने पर जोर देंगी।
वेन के इस अमेरिका दौरे की भनक लगते ही चीन ने ताइवानी राष्ट्रपति को ऐसा न करने को धमकाया था। अमेरिकी दौरे को लेकर चीन सरकार ने अपना गुस्सा साफतौर पर व्यक्त किया था। वजह यही है कि चीन को यह बिल्कुल पसंद नहीं है कि ताइवान अमेरिका के निकट जाए या किसी और देश के साथ एक संप्रभु राष्ट्र के नाते संबंध बनाए। इस द्विपीय देश को चीन अपनी ‘मुख्य जमीन का एक हिस्सा’ मानता आया है जिसे उसे ‘वापस अपने साथ शामिल करना है’। बीजिंग ने अभी गत सप्ताह ही उस होंडुरास को अपना साथी बनाया है जो हाल तक ताइवान का समर्थन करता रहा था। चीन इसे अपनी एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानता है। गत 26 मार्च को होंडुरास ने चीन के साथ अपने राजनयिक संबंधों की शुरुआत की है।
ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी करके कहा है कि वेन न्यूयॉर्क से अपना दौरा शुरू करेंगी। इसके बाद वह ग्वाटेमाला जाएंगी। वहां वह अपने ग्वाटेमाला के समकक्ष अलेजांद्रो गियामाटेई तथा बेलीज के प्रधानमंत्री जॉन ब्रिसेनो से भेंट करेंगी। वहां से वापस ताइवान लौटते हुए वेन लॉस एंजिलिस जाएंगी।
हाल तक होंडुरास के कूटनीतिक संबंधों में खास रहे ताइवान के साथ मध्य अमेरिका के देशों, बेलीज तथा ग्वाटेमाला के भी फिलहाल कूटनीतिक संबंध बने हुए हैं। हालांकि उनके अलावा 11 अन्य देश भी ताइवान के साथ संबंध रखते हैं। उधर चीन का सतत दावा बना हुआ है कि बीजिंग अपनी “वन चाइना” नीति के अंतर्गत ताइवान को एक दिन ‘मुख्य भूमि’ से जोड़ लेगा। उसने तो यहां तक कहा है कि अगर ऐसा करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करना पड़ा तो वह भी किया जाएगा। यह धमकी उसने अमेरिका को सीधे तौर पर दी थी।
ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी करके कहा है कि वेन न्यूयॉर्क से अपना दौरा शुरू करेंगी। इसके बाद वह ग्वाटेमाला जाएंगी। वहां वह अपने ग्वाटेमाला के समकक्ष अलेजांद्रो गियामाटेई तथा बेलीज के प्रधानमंत्री जॉन ब्रिसेनो से भेंट करेंगी। वहां से वापस ताइवान लौटते हुए वेन लॉस एंजिलिस जाएंगी।
यूएस संसद अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने बताया कि कैलिफोर्निया में उनकी राष्ट्रपति त्साई से भेंट होनी है। बीजिंग इस भेंटवार्ता के विरुद्ध है। वेन 2016 में ताइवान की राष्ट्रपति बनी थीं। उसके बाद से उनका वह सातवीं बार अमेरिका का दौरा कर रही हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ताइवान के लिए अमेरिका का साथ कितना जरूरी है। इस यात्रा को लेकर भी चीन ने कहा है कि इसका उचित जवाब दिया जाएगा।
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