प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद को दोषी करार दिया है। अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रयागराज कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया। इन तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।
उमेश पाल विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह थे। वर्ष 2006 में उमेश का अपहरण किया गया था। वहीं, इस मामले में जुलाई 2007 में प्रयागराज के धूमनगंज थाने में उमेश ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इस साल फरवरी में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि कोर्ट का फैसला सुनते ही अतीक अहमद भाई अशरफ के गले लगकर रोने लगा। फैसले के बाद वकीलों ने कोर्ट परिसर में फांसी दो फांसी दो के नारे भी लगाए।
उत्तर प्रदेश पुलिस उमेश पाल अपहरण में नामजद माफिया अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से लेकर सोमवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे प्रयागराज के नैनी जेल पहुंची। रविवार को उसे उत्तर प्रदेश पुलिस कड़ी सुरक्षा में साबरमती जेल से लेकर प्रयागराज के लिए निकली थी। मंगलवार को अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया। अतीक के भाई अशरफ को भी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
गौरतलब है कि बसपा विधायक राजूपाल की हत्या के गवाह उमेश पाल का अपहरण 2006 में हुआ था। अपहरण और प्रताड़ित करने के आरोप में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। आरोपितों में एक की मौत हो चुकी है। अतीक अहमद, खालिद अजीम उर्फ अशरफ, आबिद, आशिक, जावेद, एजाज अख्तर, दिनेश पासी, खान सौलत, हनीफ और एक अन्य को आरोपी बनाया गया।
अशरफ को भी लाया गया था नैनी जेल
माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का काफिला बरेली जेल से 16 घंटे बाद नैनी सेंट्रल जेल पहुंचा। इसके साथ ही चित्रकूट से तीसरे ओरापी फरहान को भी लाया गया है। उल्लेखनीय है कि इसी नैनी जेल में अतीक का बेटा अली अहमद भी बंद है। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। व्यवस्था ऐसी भी है कि कोई किसी से मुलाकात न कर सके। सभी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी एवं भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहेंगे।
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