कुछ महीने की शांति की बाद एकाएक फिर से मस्जिदों की ऊंची मीनारों पर लाउडस्पीकर लग गए हैं। रमजान के दिनों में सुबह तड़के ऊंची आवाज में लोगों को उठाने और मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे इन दिनों चल रही बच्चों की परीक्षाओं की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। देहरादून, विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, हल्द्वानी, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, लक्सर, रुड़की आदि शहरों में एक बार फिर से मस्जिदों की मीनारों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र यानी बड़े-बड़े लाउडस्पीकर लगे देखे जा रहे हैं।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद यूपी, उत्तराखंड सहित तमाम राज्यों में पुलिस-प्रशासन ने ये लाउडस्पीकर उतरवाए थे। प्रशासन ने न सिर्फ मस्जिदों बल्कि मंदिरों से भी लाउडस्पीकर उतरवा दिए थे। इसके पीछे कारण ध्वनि प्रदूषण था, साथ ही साथ आसपास रहने वाले बच्चों की प्रातः कालीन पढ़ाई पर व्यवधान पड़ना भी एक बड़ा कारण था।
देहरादून की तमाम मस्जिदों से एक बार फिर अजान सुनाई दे रही है। रमजान की सुबह-सुबह सहरी के वक्त मस्जिदों से लोगों को जगाने, रोजा रखने, मस्जिद आकर नमाज पढ़ने के लिए एलान हो रहे हैं। करनपुर, पलटन बाजार, रायपुर रोड आदि की मस्जिदों से दिन रात एलान होने से आसपास के लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा वो बच्चे परेशान बताए जा रहे हैं, जिन्हें परीक्षा की तैयारी करनी होती है।
इस मामले में हिंदू संगठनों ने भी एतराज जताया है। वीर सावरकर संगठन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही से फिर से लाउडस्पीकर लग गए हैं, जबकि इन्हें लिखित रूप से नोटिस देकर प्रशासन ने लाउडस्पीकर उतरवाए थे, बावजूद इसके मस्जिदों से शोर होने लगा है और फिर भी पुलिस-प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
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