नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्विटर पर दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की तस्वीर जारी करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 27 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
इससे पहले एनसीपीसीआर ने इस मामले में याचिकाकर्ता के साथ उसे भी पक्षकार बनाने की मांग की थी। एनसीपीसीआर ने इस मामले में नोटिस जारी करने की मांग की थी ताकि वो अपना हलफनामा दाखिल कर सके।
दिल्ली हाई कोर्ट रेप और हत्या की पीड़िता के परिवार की तस्वीर जारी करने पर राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इस मामले में हाई कोर्ट ट्विटर को नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। ट्विटर की ओर से पेश वकील सज्जन पोवैय्या ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जिस ट्वीट के खिलाफ याचिका दायर की गई है, वो हटा दी गई है।
इससे पहले ट्विटर ने इसी मामले में राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट को कुछ समय के लिए सस्पेंड कर दिया था। ट्विटर ने कहा था कि राहुल गांधी ने उनकी नीतियों का उल्लंघन किया। ट्वीट को हटाने के बाद राहुल गांधी के अकाउंट को दोबारा बहाल कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 2021 में पुराना नांगल के एक श्मशान घाट पर वाटर कूलर से पानी पीने पहुंची नौ साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद राहुल गांधी, उसके परिवार वालों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से पीड़ित बच्ची के माता-पिता से मिलने वाली तस्वीर डाली।
इस मामले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए 4 अगस्त, 2021 को राहुल गांधी का ट्वीट हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद ट्विटर ने राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया था।
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