चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के पांच साथियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने रविवार रात गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के चाचा को असम की जेल में भेज दिया है। पंजाब पुलिस यह पूरा ऑपरेशन केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर चला रही है।
पंजाब पुलिस के आईजी एसएस गिल ने सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों को बताया कि अमृतपाल सिंह अभी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। एसएस गिल ने कहा कि अब तक सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर हमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एंगल पर बहुत गहरा संदेह है। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए लगता है कि इस मामले में आईएसआई और विदेशी फंडिंग भी शामिल है।
ये है अब तक की कार्रवाई
आईजी एसएस गिल ने कहा कि पंजाब पुलिस की कार्रवाई के चलते राज्य में हालात शांतिपूर्ण हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ के उन कुछ तत्वों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की गई है, जिनके खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि अब तक अमृतपाल के 114 समर्थकों को शांति और सद्भाव को भंग करने के प्रयास में गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया, 34 को दूसरे दिन और दो अन्य को कल रात गिरफ्तार किया गया। इसी के साथ-साथ 10 हथियार भी बरामद किये गए हैं।
अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने जालंधर में किया था आत्मसमर्पण
भगोड़ा घोषित खालिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने जालंधर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) स्वर्णदीप सिंह ने साफ किया कि वांछित अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था। इसके अलावा अजनाला थाने पर हमले के प्रमुख आरोपित अमृतपाल के खिलाफ रविवार को तीन और एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं मंगलवार तक बंद
पंजाब में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं मंगलवार यानी 21 मार्च तक बंद रहेंगी। खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद शनिवार को इंटरनेट बंद कर दिया गया था। इंटरनेट शटडाउन की अवधि और बढ़ा दी गई है।
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