तेल संकट से जूझ रहे बांग्लादेश ने पाइपलाइन से डीजल की मदद मिलने पर पड़ोसी देश भारत को सच्चा दोस्त बताया है। यह प्रोजेक्ट ईंधन के लिए बांग्लादेश की चीन पर निर्भरता को भी कम करेगा। उन्होंने इस पाइपलाइन को दो मित्र देशों के बीच सहयोग की ‘ट्रेडमार्क उपलब्धि’ बताया।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने एक बयान में कहा कि ‘बांग्लादेश-भारत मैत्री पाइपलाइन’ देश में ईंधन सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक अहम भूमिका निभाएगी। इस ईंधन पाइपलाइन का उद्घाटन ऐसे समय पर हुआ है, जब दुनिया के कई देश रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गंभीर ईंधन संकट से जूझ रहे हैं। यह पाइपलाइन बांग्लादेश के लोगों की ईंधन सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगी। यह प्रोजेक्ट ईंधन के लिए बांग्लादेश की चीन पर निर्भरता को भी कम करेगा।
शेख हसीना ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के एक हिस्से के रूप में 131.57 किलोमीटर लंबी ‘भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन’ के जरिए बांग्लादेश भारत से पेट्रोलियम खासकर डीजल का आयात करेगा। हसीना ने कहा कि बांग्लादेश और भारत दोनों ने हाल के दिनों में द्विपक्षीय संबंधों से जुड़ी कई संभावनाओं को साकार किया है।
प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि हमने अपनी सभी द्विपक्षीय समस्याओं को एक-एक करके सुलझाया है। दोनों पड़ोसी देश अपने विकास के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हमें अपने विकास के लिए भारत से लगातार सहयोग मिल रहा है। इस पाइपलाइन के जरिए भारत से डीजल आयात करने का समय और खर्च काफी कम हो जाएगा। देश के उत्तरी क्षेत्र के 16 जिलों में डीजल की आपूर्ति स्थिर रहेगी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने इस पाइपलाइन को दो मित्र देशों के बीच सहयोग की ‘ट्रेडमार्क उपलब्धि’ बताया। उन्होंने कहा कि यह ईंधन सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। शेख हसीना ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इस पाइपलाइन की तरह बांग्लादेश और भारत मिलकर कई और सफलताओं का जश्न मनाएंगे। यह पाइपलाइन भारत में 5 किमी और बांग्लादेश में 125 किमी तक फैली हुई है।
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