लंदन। रूस और यूक्रेन के बीच आकाशी टकराव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच ब्रिटिश और जर्मन वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने एस्तोनियाई हवाई क्षेत्र के करीब रूसी विमान को रोका। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रूस के जवाब में ब्रिटेन और जर्मनी अपने पूर्वी किनारे को मजबूत करने के नाटो प्रयासों के तहत एस्तोनिया में संयुक्त हवाई पुलिसिंग अभियान में हिस्सा ले रहे थे। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस के एयर-टू-एयर ईंधन भरने वाला एक विमान एस्तोनियाई हवाई यातायात नियंत्रण के साथ संवाद करने में विफल रहा, जिसके बाद टाइफून जेट विमानों ने मंगलवार को जवाब दिया। नाटो के एक सदस्य देश ने कहा कि रूसी विमान नाटो के सदस्य एस्तोनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाया। ब्रिटेन और जर्मन विमान अप्रैल के अंत तक नाटो बाल्टिक हवाई पुलिसिंग अभियान के तहत एक साथ गश्त कर रहे हैं।
रूस ने अमेरिका को दी चेतावनी
रूसी जेट विमानों के काला सागर में अमेरिकी ड्रोन को गिराए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है। रूस ने अमेरिका को उसके हवाई क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी है। दोनों महाशक्तियों के बीच रूस-युक्रेन युद्ध के बाद पहला सीधा टकराव है। वाशिंगटन और मॉस्को दोनों इस घटना के लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। जहां ड्रोन गिराया गया है, अमेरिका उसे अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र बता रहा है, जबकि रूस दावा कर रहा है कि उसने यह क्षेत्र यूक्रेन से जीता है। रूस यह भी कह रहा है कि इस अमेरिकी ड्रोन की मौजूदगी इस बात का सुबूत है कि अमेरिका यूक्रेन युद्ध में सीधे दखल दे रहा है।
अमेरिका ने कहा- रूस दुनिया के बाकी हिस्सों में भड़काना चाहता है युद्ध
बताया जा रहा है कि रूस समुद्र से ड्रोन का मलबे को हासिल करने की कोशिश करेगा, वहीं अमेरिका ने कहा कि इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि रूस मलबे से खुफिया जानकारी प्राप्त नहीं कर सके। उधर यूक्रेन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है कि रूस दुनिया के बाकी हिस्सों भी युद्ध भडक़ाना चाहता है, क्योंकि यह यूक्रेन में रणनीतिक हार का सामना कर रहा है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनके देश की सेनाएं बखमुत शहर से पीछे नहीं हटेंगी। पिछले माह ऐसा लग रहा था कि यूक्रेन की सेना बखमुत शहर से पीछे हट सकती है, लेकिन अब यहां सैनिकों की संख्या दोगुनी कर दी गई है। अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि उनके इस कदम को सेना का समर्थन प्राप्त है। कई पश्चिमी और यूक्रेनी सैन्य विशेषज्ञ इस रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। इस समय दोनों ही देश अपने-अपने इलाकों में बने हुए हैं और कोई भी पक्ष आगे नहीं बढ़ पा रहा है। 2022 में काफी इलाके रूस से वापस जीतने के बाद युक्रेन अब रक्षात्मक युद्ध लड़ रहा है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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