यूपी के गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी के 18 दुकानों को प्रशासन ने कुर्क किया है। पुलिस ने मोहम्मदाबाद बाजार में मंसूर अंसारी की 26 लाख, 18 हजार, 25 रुपये की अचल बेनामी संपत्ति को कुर्क किया। जिलाधिकारी के आदेश के बाद कार्रवाई की गई।
उत्तर प्रदेश गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत कार्रवाई की गई। उप जिलाधिकारी हर्षिता तिवारी और एसपी ग्रामीण बलवंत, क्षेत्राधिकारी हितेंद्र कृष्ण की मौजूदगी में मोहम्मदाबाद बाजार में माफिया मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी की कुल 18 दुकानों को खाली कराकर कुर्की की कार्रवाई गई।
21 फरवरी को मोहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक घनानंद त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक को आख्या रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि यूसुफपुर दर्जी टोला निवासी मुख्तार अंसारी एक गिरोह बनाकर खुद अपने गैंग के सदस्यों के लिए आपराधिक और समाज विरोधी कार्य कर संपत्ति अर्जित की है।
मंसूर अंसारी का इलाके में काफी दबदबा था। मोहम्मदाबाद बाजार में पुलिस और प्रशासन की टीम के पहुंचते हड़कंप मच गया। सभी दुकानों को पुलिस की टीम ने खाली कराया। मुख्तार अंसारी के द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई संपति की देख रेख भी मंसूर आलम करता था। साथ ही विवादित जमीनों को कम पैसे में खरीद कर कब्जा भी उसके द्वारा किया जाता रहा है। मुख्तार अंसारी ने पैतृक संपत्ति के बंटवारे में यूसुफपुर मोहम्मदाबाद बाजार का एक भूखंड अपने चचेरे भाई मंसूर अंसारी के नाम कर दिया था। उसी भूखंड पर मंसूर अंसारी ने 18 दुकानों का निर्माण करा लिया था।
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