आज 11 मार्च को सेवा भारती केंद्र, नारायणा गांव, नई दिल्ली में एक प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन समाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अर्चना धवन बजाज ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सेवा भारती के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
महिला दिवस के अवसर पर आयोजित इस प्रदर्शनी में सेवा भारती की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा बनाए गए वस्त्रों को प्रदर्शित किया गया। इसमें बलजीत नगर, टोडापुर, नारायणा गांव , बुध विहार में चल रहे केंद्रों की कार्यकर्ताओं द्वारा बनाए गए वस्त्र शामिल थे। वस्त्रों में ज्यादातर महिलाओं से संबंधित थे। इन वस्त्रों को देखकर अंदाजा लगा कि सेवा भारती के कार्यकर्ता कितना सुंदर कार्य कर रहे हैं। विभिन्न केंद्रों में सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं अपने घर परिवार को चलाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। प्रर्दशनी का उद्देश्य था समाज को इन महिलाओं के हुनर से परिचित कराना।
प्रदर्शनी में दही बड़ा, झाल मुड़ी, दाल मोठ, दही भल्ला पापड़ी, ढोकला आदि की दुकानें भी थीं। विशेष बात यह थी कि ये सारी चीजें घर की बनी थीं। महिला कार्यकर्ताओं ने इन्हें बनाया था। इन सबकी कीमत बहुत ही मामूली रखी गई थी। इसका उद्देश्य था इन महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति जागरूक करना।
कार्यक्रम में बाल वाड़ी केंद्र, बुध विहार, इंद्रपुरी की शिक्षिका संगीता दाल मोठ की टोकरी लेकर बैठी थीं। वे कहती हैं कि सेवा भारती ने एक नई राह दिखाई और आज समाज के विकास में योगदान दे पा रही हूं। बता दें कि संगीता 18 वर्ष से बालवाड़ी में पढ़ा रही हैं। इसके लिए उन्हें अपने घर वालों से काफी संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि घर वालों का कहना था कि महिला का काम घर संभालना है, बाहर नहीं जाना है। लेकिन आज ऐसी कोई बात नहीं है। घर के सभी लोग संगीता के कार्यों का समर्थन करते हैं। सेवा भारती के कार्यकर्ता दिन रात मेहनत कर संगीता जैसी सैकड़ों महिलाओं का जीवन संवार रहे हैं।
कार्यक्रम में छोटे छोटे विद्यालयीन बच्चों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया।
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