केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का दावा पेश किया। शेखावत आज दोपहर दो बजे कोर्ट पहुंचे और दावापत्र पेश किया। शेखावत ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में की गई बयानबाजी को केस का आधार बनाया है। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने न सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की, बल्कि मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त करार दिया।
कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरे चरित्र पर बेवजह कीचड़ उछाल रहे हैं। अब तो चरित्र हनन की पराकाष्ठा हो चुकी है। उन्होंने न सिर्फ मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की, बल्कि मेरी दिवंगत मां को भी अभियुक्त करार दिया, जिसके चलते मैंने धारा 500 के तहत मानहानि का मुकदमा दायर किया है। शेखावत ने कहा कि वे पिछले लगभग 3 साल से विधानसभा में, मीडिया को बाइट देते समय, सड़क पर चलते हुए, रैली में भाषण देते हुए मेरे खिलाफ बयान दे रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि जोधपुर में मेरे सामने मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र ने चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे। उस हार की खीज वे मुझ पर उतार रहे हैं। गहलोत ने लगभग तीन साल तक मेरा नाम अनेक अवसर पर एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसायटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की, जिसका न तो मैं और न ही मेरे परिवार का कोई प्राथमिक सदस्य, डिपॉसिटर आदि है। उन्होंने गत दिनों जोधपुर में मुझे इस मामले में अभियुक्त करार दिया है, जबकि इस मामले में मैं मीडिया के सामने सारी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत के माता-पिता, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है। इससे पहले जोधपुर में गहलोत ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत को अभियुक्त करार दिया था। गहलोत केन्द्रीय मंत्री पर लंबे समय से आरोप लगा रहे हैं। गहलोत गजेंद्र सिंह पर सरकार गिराने के षड्यंत्र के मुख्य किरदार होने के आरोप भी लगाते रहे हैं।
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