वर्ष 2017 से पहले स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति का हवाला देते हुए सीएम योगी ने विधान परिषद में तत्कालीन समाजवादी पार्टी पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि संचारी रोग, इन्सेफलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार हमारे बच्चों को निगल लेती थी। 40 साल में इन्सेफलाइटिस से 50 हजार बच्चों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जान गंवा दी। सपा सरकार चार बार सत्ता में रही, मगर कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज जो फ्री दवा मिल रही है वह 1997 में कल्याण सिंह के चीफ मिनिस्टर रहते मेरे प्रस्ताव पर उन्होंने शुरू की। सपा कभी गई ही नहीं बच्चों को देखने के लिए। मरने वाले ज्यादातर बच्चे दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के थे। उनके प्रति कभी संवेदना नहीं आई। जाति की बात करते हैं मगर गरीब, अतिपिछड़ा, वंचित बच्चा दवा के आभाव में दम तोड़ रहा था। आज मैं कह सकता हूं कि सभी विभागों ने टीम की तरह काम किया और हमने इन्सेफलाइटिस पर 96 प्रतिशत तक काबू पा लिया है। डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण है। कालाजार और चिकनगुनिया पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने हमें सम्मानित किया है।
सीएम ने कहा कि सपा में जननी सुरक्षा योजना में 75 करोड़ का घोटाला किया गया। आज 500 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस प्रदेश में काम कर रही हैं। वर्ष 2017 से पहले भारत सरकार फ्री में देना चाहती थी, तब सपा सरकार ने उसे लेने से इनकार कर दिया। कोरोना कालखंड में ये नया जीवन दान दे रही थी। आयुष्मान भारत से यूपी में 10 करोड़ लोगों को हम लोग 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दे रहे हैं। राजकीय कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा वर्ष 2017 से पहले नहीं थी, बजट में भी इसकी व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेला हमने फरवरी 2020 में लागू किया। इसके माध्यम से अबतक 11 करोड़ 72 लाख 29 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं। इसमें से 2 लाख 770 गंभीर रोगियों के उपचार की व्यवस्था की गयी है। 11 लाख से अधिक गोल्डेन कार्ड उपलब्ध कराए गये हैं। 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को टेली मेडिसिन की सेवा से जोड़ा गया है। 361 सीएचसी में टेली रेडियोलॉजी सेवा उपलब्ध कराई गई है।
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