हाथरस। चर्चित हाथरस कांड में संदीप को दोषी करार दिया गया है. शेष तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है. हाथरस के चंदपा इलाके के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को वंचित समाज की एक युवती को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. युवती के बयान पर ही गांव के ही चार युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. इलाज के दौरान 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती की मृत्यु हो गई थी . इसके बाद इस मामले में राजनीति काफी गरम हो गई थी. पुलिस ने अभियुक्त संदीप, रवि, रामू व लवकुश को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. हाथरस की स्पेशल एसटी-एसटी कोर्ट ने रवि, रामू और लवकुश को बरी कर दिया है.
उस समय पुलिस ने बताया था कि अभियुक्त संदीप की पीड़ित परिवार से अच्छी जान-पहचान थी. हाथरस पुलिस की जांच में यह पाया गया था कि संदीप और पीड़ित परिवार की अक्सर फोन पर बात हुआ करती थी. वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था. अक्टूबर 2019 से लेकर घटना होने के पहले तक संदीप और पीड़ित परिवार की फोन पर 104 बार वार्ता हुई थी .
घटना की गहनता पूर्वक जांच के लिए जब पुलिस ने अभियुक्त संदीप की फोन कॉल रिकार्ड निकलवाई तब यह खुलासा हुआ कि 13 अक्टूबर 2019 को पहली बार फोन पर बात हुई थी. अधिकतर फोन कॉल हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र से ही की गई थी. इसमें 62 बार फोन पीड़ित परिवार की तरफ से किया गया था और 42 बार फोन संदीप ने पीड़ित परिवार को किया था.
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