सहारनपुर : यूपी पुलिस बेशक अपनी सख्त छवि, सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में बना ली हो, लेकिन आज भी कुछ सफेदपोशों के खिलाफ उसकी नजरंदाजी साफ झलक जाती है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सहारनपुर पुलिस पिछले एक साल से बीएसपी नेता और पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल को नहीं ढूंढ पाई है।
हाजी इकबाल पश्चिम यूपी का वो खनन माफिया है जिसने मायावती और अखिलेश यादव के शासन काल में जमुना और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन करके अरबों की संपत्ति अर्जित की थी। इतना ही नहीं सरकार को प्रभावित कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चीनी मिलों को भी खरीद लिया था। उसने अपनी यूनिवर्सिटी खोली, सैकड़ों एकड़ जमीनों पर कब्जा किया, महिलाओं के साथ कथित दुष्कर्म करने, जान से मारने की धमकी देने, लूटपाट करने जैसी कई गंभीर आरोप हैं। इन सभी आरोपों के मामलों की एक लंबी लिस्ट हाजी इकबाल के खिलाफ मिर्जापुर थाने में दर्ज है।
वहीं हाजी इकबाल का भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली गैंगस्टर एक्ट में जेल पहुंच चुका है। इकबाल के बेटे भी जेल में हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक हाजी इकबाल के बारे में कोई पुख्ता जानकारी हासिल नहीं की है, पुलिस के हाथ एक साल बीत जाने के बाद भी खाली हैं। सहारनपुर में दो-दो एसएसपी बदल गए लेकिन हाजी इकबाल आज भी फरार है। जबकि उसपर ईनाम घोषित है। एसएसपी विपिन ताडा तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं लेकिन वो भी पिछले छ: महीने से हाजी इकबाल को गिरफ्तार नहीं कर पाए हैं।
हाजी इकबाल छिपने के लिए ठिकाने बदल रहा है। इकबाल के भाई महमूद अली भी मुंबई में गिरफ्तार किए गए थे। इकबाल के लिए एयरपोर्ट पर भी जानकारी साझा हुई है इसी के साथ-साथ उसके पासपोर्ट को रद्द करने की सूचना भी गाजियाबाद पासपोर्ट अधिकारी तक दी जा चुकी है। जिसके लेकर ये अंदेशा जताया जा रहा है कि हाजी इकबाल नेपाल में छिपा हुआ है, क्योंकि नेपाल जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती है।
बरहाल, पुलिस ने मोस्ट वॉन्टेड आरोपी हाजी इकबाल की गिरफ्तारी के लिए जितने भी प्रयास किए वो अभी तक फेल साबित हुए है। अब देखना होगा पुलिस हाजी इकबाल की गिरफ्तारी को लेकर आगे कौन से कदम उठाती है ?
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