नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारत के प्राचीन शहरों के नाम दोबारा उनके वास्तविक नामों पर रखे जाने की मांग खारिज कर दी है। याचिका वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है, जिसने सभी को समाहित किया है। इसी वजह से हम सब मिलजुल कर रहते हैं। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि हिंदुत्व में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि मैं ईसाई हूं, इसके बावजूद मुझे हिंदू धर्म पसंद है।
याचिका में सूचना के अधिकार के तहत मांग की गई थी कि भारत में मध्यकाल में जिन शहरों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए, उनके पूर्व के प्राचीन नाम खोजे जाएं। याचिका में रिनेमिंग कमीशन बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि रिनेमिंग कमीशन पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के उन वास्तविक नाम को खोजे जिन्हें विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं।
याचिका में संविधान की धारा 19 का हवाला देते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को उन नामों को खोजने की मांग की गई थी। इसमें बेगूसराय, बिहार शरीफ, दरभंगा, हाजीपुर, जमालपुर, अहमदाबाद, होशंगाबाद, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, फरीदाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, मुजफ्फरपुर जैसी जगहों का हवाला दिया गया था।
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