तमाम दावों के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद से निपट पाने में सफल नहीं हो रहा है। अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेरेरिज्म की रिपोर्ट में पाकिस्तान की विफलता के कारण आतंकवादी घटनाएं बढ़ने का दावा किया गया है।
पाकिस्तान पर लगातार आतंक के वित्तपोषण और आतंकवादियों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं। इस कारण लगी तमाम पाबंदियों के बाद पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद पर प्रभावी नियंत्रण की बात कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कही थी। अब अमेरिका के ब्यूरो ऑफ काउंटर टेरेरिज्म की नयी रिपोर्ट से साफ पता चल रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से निपटने के नाम पर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों की समाप्ति के लिए पाकिस्तानी प्रयासों की रफ्तार बेहद धीमी है। इस कारण यहां न सिर्फ वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं, 2021 में आतंकी हमलों में मृतकों व घायलों की संख्या भी बढ़ी है।
आतंकवाद पर केंद्रित इस अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान की जमीन पर पनप रहे आतंकी संगठनों का सीधे तौर पर नाम लिखा गया है। पाकिस्तान में प्रमुख रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और आईएसआईएस-के जैसे आतंकी संगठनों के सक्रिय होने की बात कही गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में अलगाववादी आतंकवादी संगठनों ने ज्यादातर बलूचिस्तान और सिंध प्रांत को निशाना बनाया। यहां आतंकवादियों ने आईईडी, वीबीआईईडी, आत्मघाती बम विस्फोट और लक्षित हत्याओं जैसे हथकंडे अपनाए।
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