शिवसेना चुनाव चिह्न प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

शिवसेना चुनाव चिह्न प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार

- मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। फिलहाल कोर्ट ने पार्टी दफ्तर, बैंक खाते पर अभी कोई आदेश नहीं दिया है।

by WEB DESK
Feb 22, 2023, 10:20 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के चुनाव चिह्न मामले में निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट अस्थायी नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल जारी रख सकता है। कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट अभी ऐसा कुछ नहीं करेगा, जिससे उद्धव समर्थक सांसद और विधायक अयोग्य हो जाएं। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

बुधवार को कोर्ट ने पार्टी दफ्तर, बैंक खाते पर अभी कोई आदेश नहीं दिया है। सुनवाई के दौरान एकनाथ शिंदे की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने उद्धव ठाकरे की याचिका का विरोध करते हुए इसकी स्वीकार्यता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दो बार इसी मुद्दे पर यह दिल्ली हाई कोर्ट जा चुके हैं। अब जब आदेश आ गया है तो उसे चुनौती देने के लिए वो सीधे यहां आ गए हैं। इन्हें सीधे हाई कोर्ट जाना चाहिए। कोर्ट को इनकी याचिका पर विचार ही नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के सामने यह मामला पहले से ही लंबित है।

उद्धव ठाकरे के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले को निर्वाचन आयोग भेजा था इसीलिए उसके फैसले को चुनौती देने हम यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि शिवसेना का संविधान रिकॉर्ड पर नहीं था, जबकि उसके प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला बहुमत के आधार पर दिया है, जो पहले से कोर्ट के सामने लंबित है। निर्वाचन आयोग ने इस बात को भी नजरंदाज कर दिया कि पार्टी में टूट है और अभी यह साबित नहीं हो सकता कि बहुमत किसका है। फिर भी आदेश जारी किया।

सिब्बल ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट का पार्टी के संगठन, पदाधिकारियों और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच बहुमत है। राज्यसभा में हमारा बहुमत है लेकिन सिर्फ चालीस विधायकों की टूट के आधार पर ही निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला दे दिया।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने वकील नीरज किशन कौल से पूछा कि क्या यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित नहीं है, जिसमें यह तय किया जाना है कि क्या सिर्फ विधायक दल को ही पार्टी मान लिया जाए। इस पर वकील कौल ने कहा कि विधायक दल अलग होता है, लेकिन राजनीतिक दल में किसका बहुमत है, यह दसवीं अनुसूची का मसला नहीं है क्योंकि यह कहां लिखा है कि विधायकों को पार्टी में नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के ही संविधान के आधार पर पार्टी का नाम और सिंबल दिया है जिसमें कहा गया है कि एक गुट जिसके पास सांसदों, विधायकों और अन्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त हो वही पार्टी है।

सुनवाई के दौरान नीरज किशन कौल ने कहा कि हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर रहे हैं कि संसदीय दल या विधानमंडल दल भी संबंधित राजनीतिक दल का अभिन्न अंग है, लेकिन पार्टी में विवाद के सिलसिले में सिर्फ सदन में बहुमत ही नहीं बल्कि चुने गए सदस्यों, जनता से मिले मतों, पार्टी की बड़ी से लेकर छोटी तक सभी इकाइयों में बहुमत के आधार पर होता है। कौल ने कहा कि यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ होगा कि आप विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की शिकायत दे दें और उन्हें पार्टी की गतिविधियों में शामिल न होने दें।

एकनाथ शिंदे गुट के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही निर्वाचन आयोग ने एक राजनीतिक पार्टी में टूट की स्थिति में पार्टी के नाम और सिंबल पर फैसला लिया। शिंदे गुट की ओर से कोर्ट को यह भरोसा भी दिलाया गया कि अभी अयोग्यता की कार्रवाई नहीं करेंगे।

उद्धव गुट ने निर्वाचन आयोग के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई है। याचिका में शिंदे गुट को धनुष-बाण चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है।

उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया और धनुष-बाण चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को निर्वाचन आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।

Topics: शिवसेना चुनाव चिह्न प्रकरणशिवसेना और सुप्रीम कोर्ट समाचारShiv Sena election symbol caseShiv Sena disputeNational NewsShiv Sena and Supreme Court Newsराष्ट्रीय समाचारसुप्रीम कोर्ट समाचारSupreme Court Newsशिवसेना समाचारShiv Sena Newsशिवसेना विवाद
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

“एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के संकल्प के साथ सशस्त्र बलों ने मनाया 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

नई दिल्ली : SSB ने 27 उग्रवादी किए ढेर, 184 घुसपैठिए भी गिरफ्तार

Dr. Jayant Narlikar का निधन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुःख

तुर्की के खिलाफ भरी हुंकार : स्वदेशी जागरण मंच ने Türkiye दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग   (फाइल चित्र)

भारत के खिलाफ चीन की नई चाल! : अरुणाचल प्रदेश में बदले 27 जगहों के नाम, जानिए ड्रैगन की शरारत?

‘ऑपरेशन केलर’ बना आतंकियों का काल : पुलवामा-शोपियां में 6 खूंखार आतंकी ढेर, जानिए इनकी आतंक कुंडली

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies