दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्रों द्वारा शिवाजी महाराज का अपमान करने और उनकी तस्वीर फेंकने के मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुलिस और जेएनयू प्रशासन को लिखित में शिकायत दी है। साथ ही मांग की है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के वामपंथियों द्वारा किए गए अपमान के संबंध में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया है, जो कि देश की अखंडता को चुनौती देने वाला है। हम इस राष्ट्रीय एकता पर कुठाराघात करने वाले और कलुषित मानसिकता से ओतप्रोत बयान की पुरजोर निंदा और विरोध करते हैं।
एबीवीपी ने कहा कि किसी भी महापुरुष की प्रतिमा का अपमान करना हमारी संस्कृति में नहीं है। स्टालिन द्वारा दुर्भावना एवं वामपंथी मानसिकता की सहायता करने के उद्देश्य से लगाया गया आरोप का हम पूर्णतः खंडन करते हैं। स्टालिन भारत विरोधी वामपंथियों के साथ मिलकर जनजातीय छात्रों पर हमला बोलते हुए तमिल और तेलुगु में विवाद खड़ा करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर शाम को जेएनयू के छात्रसंघ कार्यालय में एक पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसके बाद उनकी फोटो को कार्यालय में ही लगे अन्य फोटो के साथ लगा दिया गया। थोड़ी देर बाद वामपंथी छात्र संगठन के लोग वहां पहुंचकर शिवाजी की फोटो और फूलमाला उठाकर कचरे में फेंक दिया। जब विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने दोबारा दीवार पर फोटो लगाने का प्रयास किया तो उनके साथ लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े लोगों ने मारपीट की। साथ ही धमकाया भी कि तुम जितनी बार लगाओगे हम उतनी बार फेकेंगे।
विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान में शोभा यात्रा निकालकर मुख्य गेट पर पहुंचे थे। तभी 100 से अधिक वामपंथियों की भीड़ स्टूडेंट ऐक्टिविटी सेंटर में छत्रपति शिवाजी के चित्र को पुनः फेंकने के प्रयास हेतु एकत्रित हो गई। देखते ही देखते उस झुंड ने विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। जिसमें दो छात्र घायल हो गए, जिनका एम्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज कराया गया। इस विषय पर जांच पड़ताल करने व संज्ञान लेने हेतु जब एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने सुरक्षाकर्मियों बुलाया तो पता चला कि चित्रों को फेंकने वाले वामपंथियों में बाहरी लोग भी शामिल थे। इधर वामपंथी छात्रों के कृत्य पर स्टालिन पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं।
‘शिवाजी महाराज का अपमान घोर निंदनीय, आरोपियों पर हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई’
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जेएनयू इकाई अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, ‘जेएनयू में बाहरी वामपंथी असमाजिक तत्व एवं अंदरूनी अर्बन नक्सलियों द्वारा हमारे राष्ट्रीय नायक छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान घोर निंदनीय है। इन भारत विरोधी शक्तियों के समर्थन में उतरे राजनेता तो और भी निंदा के पात्र हैं। अभाविप का स्पष्ट मत है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान असहनीय है। हमारी यह पुरजोर मांग है कि ऐसे राष्ट्रद्रोहियों एवं उनके समर्थकों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे कि जेएनयू में समय-समय पर होने वाली ऐसी भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक लग सके।’
पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
एबीवीपी जेएनयू के नवनिर्वाचित मंत्री विकास पटेल ने कहा, ‘हमने छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप के अपमान के खिलाफ जेएनयू प्रशासन और पुलिस को लिखित में शिकायत की है और उनसे अनुरोध किया है कि वह इस मामले में निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कदम उठाया जाएं।’
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