नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को खनन और कथित कोयला लेवी घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ में करीब एक दर्जन स्थानों पर छापा मारा। कांग्रेस नेता राम गोपाल अग्रवाल, गिरीश देवांगन, आरपी सिंह, विनोद तिवारी और सनी अग्रवाल नाम के आवासीय और कार्यालय परिसर में ये कार्रवाई की गई। पिछले महीने, ईडी ने राज्य में कथित कोयला लेवी घोटाले में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में छत्तीसगढ़ में एक आईएएस अधिकारी सहित कई स्थानों और अन्य स्थानों पर छापे मारे थे।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में राज्य के एक अन्य आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और कुछ कारोबारियों के यहां छापेमारी के बाद इस मामले में जांच शुरू की थी। समीर विश्नोई 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की नकदी और 4 किलो सोने के जेवर मिले थे।
ईडी का कहना है कि यह मामला बड़ा है। इसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध वसूली की गई थी। मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, विश्नोई, कोयला व्यापारी और कथित घोटाले के मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि कोयला लेवी ‘घोटाला’ करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य में एक बड़ी साजिश रची गई थी और पिछले दो साल में 540 करोड़ रुपये की “उगाही” की गई। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला आयकर विभाग की शिकायत से सामने आया है। जून 2022 में आयकर अधिकारियों के छापे के बाद मामला दर्ज किया गया था।
इस छापे को लेकर कांग्रेस का कहना है कि यह राजनीतिक छापा है। छत्तीसगढ़ में 24 फरवरी को कांग्रेस का अधिवेशन होना है। कांग्रेस ने कहा कि यह छापा अधिवेशन से ध्यान हटाने के लिए मारा गया है।
बदले की कार्रवाई नहीं
वहीं इस पर भाजपा की वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। वित्त मंत्री ने कहा, “कोई भी एजेंसी पहले डेटा एकत्र करती है और उसके बाद ही कार्रवाई की जाती है। बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को संसद में बैठकर सुनना सीखना चाहिए।
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