नई दिल्ली। पश्चिमी ताकतें किस कदर भारत के पीछे पड़ी हैं, इसकी बानगी एक बार फिर अमेरिकी उद्यमी जॉर्ज सोरोस के बयान से देखने को मिली। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को अमेरिकी अरबपति के म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में दिए बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि भारतीय लोकतंत्र में हस्तक्षेप की गलत मंशा के खिलाफ खड़े हों।
स्मृति ईरानी ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि अंतरराष्ट्रीय उद्यमी जॉर्ज सोरोस ने भारतीय लोकतंत्र प्रक्रिया में गलत मंशा के साथ हस्तक्षेप करने की घोषणा की है। उनकी यह मंशा स्पष्ट बताती है कि वे भारतीय लोकतंत्र को ध्वस्त कर अपने चुने हुए नुमाइंदों से देश चलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सोरोस जिन्हें अपने हिसाब से चलाने के लिए बढ़ावा देना चाहते हैं, उन्हें स्पष्ट संदेश है कि देश ने औपनिवेशिक जालसाजी को पहले भी परास्त किया है और आगे भी करेगा। ईरानी ने कहा, “आज एक नागरिक के रूप में मैं प्रत्येक व्यक्ति, संगठन और समाज से आह्वान करती हूं कि वे इस व्यक्ति की मंशा की निंदा करें जो अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए हमारे लोकतांत्रिक हितों को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।” उन्होंने कहा कि आज जॉर्ज सोरोस को हम एकसुर में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे। हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है, आगे भी हराएंगे।
गौरतलब है कि गुरुवार को सोरोस ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के कथित पतन और गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के संबंध के चलते सरकार कमजोर हो जाएगी, जो देश में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार के लिए दरवाजा खोलेगी।
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