नई दिल्ली। इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान में हिंदुओं की हत्या का सिलसिला जारी है। पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दावा करती है, लेकिन उसका दावा झूठा है। हकीकत यह है कि न तो वहां हिंदू लड़कियां सुरक्षित हैं और न ही हिंदु युवक। सिंध के संघार क्षेत्र में एक नवविवाहित युवक को मार डाला गया। उसने मुस्लिम दोस्तों को 2000 पाकिस्तानी रुपये देने से मना कर दिया था। उसे मुस्लिम युवकों ने पहले बुरी तरह प्रताड़ित किया फिर गला दबाकर हत्या कर दी। वह दो दिनों से लापता था और उसका शव 13 फरवरी को उसके घर के पास एक खेत में पड़ा मिला। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन उसके दोस्तों को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया।
मृतक की पहचान दौलत कोहली के रूप में हुई है। उसके पिता का नाम उत्तम कोहली है। बीती आठ फरवरी को दौलत कोहली की शादी हुई थी और 11 फरवरी की शाम करीब चार बजे वह मां से यह कहकर घर से निकला था कि वह अपने दोस्तों के पास जा रहा है। दौलत के परिजनों का कहना है कि उसके दो मुस्लिम दोस्तों ने उसकी हत्या की है। दस फरवरी को इन दोनों ने रुपये न देने पर उसके साथ बहस की थी।
इस्लामिक देश पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं का अपहरण, बलात्कार, जबरन निकाह, कन्वर्जन और हत्या की जा रही है, लेकिन वैश्विक मंच पर मानवाधिकार की दुहाई देने वाले और कथित सेकुलर इस पर मौन हैं। उन्हें पाकिस्तान में न तो मानवाधिकार हनन दिखता है और न ही हिंदुओं पर जुल्म। वहां कट्टरपंथी अपराध को अंजाम देते रहते हैं। हिंदुओं की जमीनों पर कब्जा कर पुरुषों को फांसी पर लटका देते हैं। वहां ईसाई अल्पसंख्यक भी सुरक्षित नहीं है। इतना ही नहीं, मुस्लिम अहमदिया भी वहां कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं।
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