हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ‘एयरो इंडिया’ में 15 स्वदेशी हेलीकॉप्टरों के साथ अनूठी ‘आत्मनिर्भर’ फॉर्मेशन में उड़ान भरेगा। इसमें एलसीए ट्विन सीटर वेरिएंट, हॉक-आई और एचटीटी-40 के अलावा नेक्स्ट जेन सुपरसोनिक फाइटर ट्रेनर के मॉडल प्रदर्शित किये जाएंगे। एचएएल ने अगले साल फरवरी में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क II का पहला विमान भारतीय वायु सेना को देने की उम्मीद जताई है, जिसकी औपचारिक घोषणा एयरो इंडिया में किये जाने की संभावना है।
एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने शुक्रवार को 13 से 17 फरवरी तक बेंगलुरु के येह्लंका वायु सेना स्टेशन पर लगने वाली एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ के लिए तैयारियों के बारे बताया। उन्होंने कहा कि एचएएल ने प्रदर्शनी के दौरान एयर शो के लिए अनूठी योजना बनाई है, जिसके तहत 15 स्वदेशी हेलीकॉप्टर ‘आत्मनिर्भर’ फॉर्मेशन में उड़ान भरेंगे। एचएएल आसमान में एलसीए ट्विन सीटर वेरिएंट, हॉक-आई और एचटीटी-40 के अलावा नेक्स्ट जेन सुपरसोनिक फाइटर ट्रेनर के मॉडल प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत दुनिया का हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा।
सीएमडी अनंतकृष्णन ने बताया कि आने वाले वर्षों में हेलीकॉप्टरों की विस्तृत शृंखला निर्मित करने की जरूरत है। बड़े पैमाने पर निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए ही कर्नाटक में तुमकुरु संयंत्र शुरू किया गया है, जिसे 6 फरवरी को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित किया है। यह भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्टरी होगी, जहां शुरुआत में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का निर्माण किया जाएगा। भारत का यह सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर कारखाना है, जहां देश की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से हेलीकॉप्टरों का निर्माण होगा। शुरुआती दौर में फैक्टरी में प्रति वर्ष लगभग 30 हेलीकॉप्टर का निर्माण होगा और इसे चरणबद्ध तरीके से 60 और फिर 90 प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
एचएएल प्रमुख ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क-2 को स्वीकृति मिल चुकी है, इसलिए डीआरडीओ और एचएएल मिलकर वर्ष 2024-25 में पहले एलसीए मार्क-2 का उत्पादन कर लेंगे। इस प्रोजेक्ट के निष्पादन की समय सीमा अगले साल फरवरी से शुरू हो रही है। हमें विश्वास है कि हम फरवरी, 2024 में पहला विमान देने में सक्षम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास इस समय लगभग 84 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं, जबकि 55 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर पर काम चल रहा है, जो अगले छह महीने में पूरे हो जाएंगे। हम प्रतिवर्ष 25 हजार करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित कर रहे हैं, जिसमें 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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