आगरा। हाल के दिनों में आगरा के अंदर दर्जनों बांग्लादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां तेजी से कार्रवाई में जुट गई हैं। पुलिस और इंटेलीजेंस की संयुक्त टीमें उन इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, जहां और भी बांग्लादेशियों के छिपे होने का संदेह है। संदिग्ध लोगों के आधार, राशन कार्ड, वोटर आईडी को जांच के दायरे में ले लिया गया है।
कुछ समय पहले आगरा पुलिस ने थाना सिंकदरा इलाके में अवैध रूप से रह रहे 32 लोगों को गिरफ्तार किया था। सीमा पार से घुसपैठ कर आए ऐसे लोग लंबे समय से आगरा शहर में छिपे थे। गुप्तचर एजेंसियों को भनक लगी तो सबके बारे में रिकार्ड जुटाकर पुलिस को सौंप दिया गया। इसके बाद संयुक्त टीमों ने छापेमारी कर अवैध रूप से रहते मिले बांग्लादेशियों पर शिकंजा कस दिया। इस कार्रवाई में पुलिस के निशाने पर बांग्लादेशी नागरिक सईद उल गाजी और उसका बेटा भी आ गया, जो पत्नी और बच्चों के साथ 2018 में भी गिरफ्तार हुआ था और जमानत पर जेल से छूटने के बाद फिर आगरा में रहने लगा। आगरा के रुनकता इलाके में गाजी ने अच्छी खासी प्रॉपर्टी भी जुटा रखी है। फिलहाल पुलिस को गाजी और कुनबे के खिलाफ कोर्ट में चल रही सुनवाई पूरी होने का इंतजार है, ताकि उसके खिलाफ आगे का एक्शन लिया जा सके। पुलिस ने गाजी के घर में मिले उसके दामाद से भी पूछताछ की है, जो बांग्लादेश से वीजा पर आगरा आया हुआ था। गाजी के यहां काम करने वाला एक संदिग्ध कर्मचारी भी हिरासत में लिया गया है।
पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह के निर्देश पर पुलिस महानगर की ऐसी बस्तियों में रहने वाले संदिग्ध लोगों का सत्यापन कर रही है, जहां और भी बांग्लादेशी छिपे होने की आशंका है। सर्च ऑपरेशन में पुलिस को कई ऐसे लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है, जो खुद को पश्चिमी बंगाल का निवासी बताते हैं। ऐसे लोगों के बारे में पश्चिमी बंगाल की पुलिस से सूचना जुटाई जा रही है।
टिप्पणियाँ