आजकल पंजाब सरकार प्रदेश के राज्यपाल को लेकर गुस्साई हुई है। कारण है कि राज्यपाल ने नशों को लेकर राज्य सरकार को सच्चाई के दर्पण के दर्शन करवा दिए हैं।
राज्य के सीमांत जिलों में दौरे पर निकले राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पुलिस और राज्य सरकार को नशे को लेकर जमकर कोसा है। एक तरफ सरकार और पुलिस नशे के खिलाफ किए गए कामों को बता वाहवाही लूट रही है तो दूसरी ओर आम जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करने के बाद राज्यपाल आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली भगवंत मान सरकार के निशाने पर आ गए हैं। गुरदासपुर जिले में अपने दौरे के दौरान राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित ने राज्य के हालातों को लेकर पुलिस व राज्य सरकार को घेर लिया।
राज्यपाल ने कहा कि परचून की दुकानों में भी नशा सरेआम मिल रहा है। इसके साथ जेलों से अपराधियों का सिक्का चल रहा है। राज्यपाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस में भी काली भेड़ें हैं जिनको पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। राज्यपाल द्वारा नशे के मुद्दे को लेकर दिए गए बयान ने आप सरकार को कुपित कर दिया है।
इसपर पर पंजाब के आवास एवं शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा ने बनवारीलाल पुरोहित पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि पंजाब के राज्यपाल राजनीतिक सिर्फ भाषणबाजी कर रहे हैं और लोगों में आप सरकार के प्रति भ्रम पैदा कर रहे हैं। पत्रकारों से बात करते समय मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्यपाल अपने पद की गरिमा को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि किसी राज्य के राज्यपाल सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए भाषण देते रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा कि अगर ऐसा कोई मुद्दा है तो वह इसे मुख्यमंत्री भगवंत मान के संज्ञान में ला सकते हैं। अरोड़ा ने कहा कि राज्यपाल नशे के मुद्दे पर बात करते हैं, लेकिन यह प्रतिबंधित वस्तुएं पंजाब में कहां से आ रही है? या तो यह सीमा पार से आते हैं कौन जिम्मेदार हैं सीमा पर निगरानी के लिए? या तो पड़ोसी राज्य हरियाणा से रूट किये जाते हैं, जहां भाजपा सत्ता में है।
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया बताती है कि राज्यपाल के प्रहार ने सरकार के मर्मस्थल को मर्माहत किया है। राज्य में नशे के मुद्दे पर तरह-तरह की गारंटियां दे कर आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी। चुनाव प्रचार के दौरान आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से लेकर भगवंत मान सहित सभी ने पंजाब में नशे की समस्या को अपना चुनावी मुद्दा बनाया था परन्तु सत्ता में आने के बाद नशे की विकराल समस्या को देख कर भगवंत मान सरकार के हाथ पांव फूले-फूले से दिखने लगे।
नशे को लेकर लोगों का भी 10 माह पुरानी सरकार से मोहभंग होता दिख रहा है और सरकार के मन्त्री भी इस मुद्दे से कतराने लगे हैं। पोस्टर व विज्ञापन जारी कर भगवंत मान सरकार नशे पर नकेल लगाने के दावे तो करते हैं परन्तु राज्यपाल ने आप सरकार को सच्चाई का दर्पण क्या दिखाया कि मान सरकार इसका बुरा मान रही है।
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